देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा फारेस्ट गार्ड के 1218 पदों पर की गई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। आयोग की बोर्ड बैठक में सभी तथ्यों की पड़ताल करने के बाद आयोग ने यह फैसला लिया है। आयोग इस के अनुसार कुछ केंद्रों में नकल हुई है, नकल करने वाले 31 की पहचान हो चुकी है, एसआईटी 26 अन्य नकल करने वालों की जांच कर रही है। अंतिम जांच रिपोर्ट देने के लिए एसआईटी को एक माह का और समय दिया गया है। निर्णय लिया गया कि पेपर लीक करने वाले 22 परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में फारेस्ट गार्ड के 1218 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। 188 परीक्षा केंद्रों पर एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान नकल करने की बात सामने आई थी। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि हरिद्वार, पौड़ी और देहरादून के 22 परीक्षा केंद्रों पर ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये नकल कराई गई। इस नकल का केंद्र हरिद्वार का रुड़की था। जहां के 20 केंद्रों पर नकल कराई गई। एसआईटी जांच में 57 परीक्षार्थियों के नकल करने की पुष्टि हुई, जिसमें से 31 की पहचान हो चुकी है, 26 की पहचान की जानी है।
जांच में पता चला कि बीएसएम इंटर कालेज रुड़की के परीक्षा केंद्र में कक्ष निरीक्षक रचित पुंडीर ने पेपर लीक किया। प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर राहुल को भेजी। राहुल ने प्रश्नपत्र हल कर ब्लूटूथ के जरिये आईएमईआई नंबर से संचालित कर नकल कराई गई। आयोग ने ऐसे ही अन्य मामलों में हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णीत मामलों का अध्ययन कर परीक्षा रद्द न करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आयोग ने मीटिंग के बाद एक छह पेज का पत्र जारी किया है, जिसमें पूरा विवरण दिया गया है।