पुरोला। ….बसन्तोत्सव मेले के समापन दिवस में जुटी भारी भीड़। …खरीददारी करने पँहुचे ग्रामीण, व्यापारी दिखे खुश। …दैनिक उपयोग के सामान सस्ते मिलने से ग्रामीणों में खरीददारी को लेकर रहा खासा उत्साह रहा।
पुरोला नगर क्षेत्र में लगने वाले पौराणिक बाजार की जातर, बसंतोत्सव एवम विकास मेले में भले ही इस बार रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति व बड़े बड़े नेताओं के कार्यक्रमों के बिना रंग फीका रहा हो लेकिन मेले में रंवाई की रसोई के पहाड़ी पकवान तथा ड्रेगन ट्रैन, चरखी, झूला, ब्रेक डांस चरखी आदि आकर्षक का केंद्र बने रहे जिनमे बच्चों, युवाओं, महिलाओं सहित बुजुर्गों ने भी खूब लुफ्त उठाया। वही दूसरी ओर मेले में एक सौ से अधिक व्यापारिक संस्थानों में बच्चों के हर प्रकार के खिलौनों सहित रोजमर्रा के उपयोग के लिए कंबल, बेडशीट, रजाइयां, कालीन, प्लास्टिक के बर्तन, अनेकों प्रकार की क्रोकरी, कपड़े सहित कई प्रकार के घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीददारी के लिए बाज़ारों सहित ग्रामीण क्षेत्रों यंहा तक कि मोरी के आराकोट बंगांण से लेकर पर्वत क्षेत्र के दूरस्थ गांवों तथा नौगांव, बड़कोट, बनाल, ठकराल तक के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी।
मेले के समापन दिवस पर सुरक्षा में लगे सभी जवानों, नगर पंचायत कर्मियों व रंवाई रसोई की संचालिका जमना रावत को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया आयोजक नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने सभी जनप्रतिनिधियों व मेले में पुलिस प्रशासन व स्थानीय प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यबाद ज्ञापित कर कहा कि यह पुरोला के लिए ही नही बल्कि पूरे रंवाई घाटी के लिए ऐतिहासिक मेला है मेले में सभी लोगों को किफायती दामों में एक ही स्थान पर रोजमर्रा की वस्तुएं उपलब्ध हो जाती हैं, जो मेले में यह सैकड़ों की भीड़ उमड़ रही है। यह इस बात की पुष्टि कर रही है, उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार कोरोना के कारण मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो पाए लेकिन लोगों को मेले से हमेशा की तरह खरारीददारी में कोई भी कमी नहीं दिखी। मेले के समापन दिवस पर नगर पंचायत हरिमोहन नेगी सहित अधिशासी अधिकारी शिवकुमार सिंह चौहान, कनिष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी, जयेन्द्र सिंह राणा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पी0एल0 हिमानी, बरदेव नेगी, गोपाल कैंतुरा, कुलदीप चौहान, नवनीत, जयप्रकाश आदि लोग उपस्थित रहे।