उत्तराखंड परिवहन निगम के एक परिचालक फर्जी टिकट देकर निगम को चुना लगा रहा था, दिल्ली के आनंद बिहार बस अड्डे पर परिचालक का यह घोटाला उस वक्त उजागर हो गया जब डीजीएम नेतराम ने टिकटों की जांच की और 7 टिकट फर्जी पाए गए। जांच के बाद परिचालक को बर्खास्त कर दिया गया है।
सूचना के अनुसार, हल्द्वानी डिपो की साधारण बस (1522) को दो फरवरी को आइएसबीटी देहरादून पर भीड़ अधिक होने की वजह से देहरादून से दिल्ली भेज दिया गया था। बस पर विशेष श्रेणी का परिचालक पवन कुमार तैनात था। आनंद विहार दिल्ली में बस पहुंचने पर डीजीएम नेतराम ने टिकटों की जांच की।
इसमें परिचालक ने ऐसे सात फर्जी टिकट बनाए हुए थे, जबकि टिकट मशीन पूरी तरह से दुरुस्त थी। जबकि उसने डीजीएम को बताया कि टिकट मशीन खराब हो गई थी। संदेह होने पर डीजीएम द्वारा उसका वे-बिल कब्जे में लेकर जांच की गई। उसमें टिकट नंबर का मिलान न होने पर डीजीएम ने टिकट बुक व वे-बिल खुद के कब्जे में ले लिया।
अगले दिन इनकी निगम मुख्यालय दून में टिकट बुक व वे-बिल की जांच कराई गई तो टिकट बुक फर्जी निकली। प्रबंधन शक जता रहा कि आरोपी परिचालक लंबे समय से फर्जी टिकट काटकर रोडवेज को चपत लगा रहा था।
महाप्रबंधक ने आदेश दिया कि जो परिचालक टिकट मशीन इस्तेमाल नहीं कर रहे, उनकी सूची बनाकर मुख्यालय को भेजी जाए। ऐसे परिचालकों के वे-बिल व टिकट बुक भी तलब किए गए हैं।
निगम प्रबंधन ने प्रवर्तन टीमों को आदेश दिए हैं कि बस में टिकट बुक पर बन रहे सभी टिकट की गंभीरता से जांच की जाए।