फोटो-01- सतोपंथ झील व ट्रैक के आस पास से उठाए कूडे का सुरक्षित स्थान पर निस्तारण करते हुए सांसद प्रतिनिधि पंवार।
फोटो-02- सतोपंथ झील ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। सतोपंथ ट्रैक व झाील के आस-पास स्वच्छता अभियान चलाकर प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस पर आयोजित सेवा सप्ताह का समापन किया गया।
गढवाल सांसद प्रतिनिधि किशोर पंवार के नेतृत्व में युवावों के एक दल ने सेवा सप्ताह का समापन प्रसिद्ध सतोपंथ झील व ट्रैकिगं मार्ग पर सफाई अभियान संचालित कर किया। युवावों के 6सदस्यीय दल ने इस दौरान 22किमी0 के सतोपंथ ट्रैक के साथ ही सतोपंथ झील के आस-पास फैले प्लासिटक कचरे को उठाकर सुरक्षित स्थानों तक पंहुचाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म उत्सव पर आयेाजित सेवा सप्ताह का समापन किया। इस अभियान मे सांसद प्रतिनिधि किशोर पंवार के साथ सुधीर मेहत्ता, दिनेश रावत, नरेन्द्र विष्ट,मुकेश व ऋितिक पंवार अािद युवा सम्मलित हुए।
यूॅ तो प्रकृति की अनमोल धरोहर करीब 15हजार फीट की ऊॅचाई पर स्थित सतोपंथ झील का दीदार करने प्रतिवर्ष सैकडों की संख्या मे प्रकृति प्रेमी पर्यटक पंहुचते है। लेकिन इस बार कोरोना की साया से यह सुरम्य स्थल भी अछूता नही रहा। सतोपंथ झील तक तक पंहुचने के लिए देश की अंतिम गाॅव माणा से करीब 22किमी0 की पैदल दूरी तय करनी होती है।इस रमणीक ट्रैक रूट पर बसुधारा झरना व लक्ष्मीवन आदि अनेकों मनमोहक स्थानों का दीदार कर प्रकृति के चितेरे पर्यटक सुकून महसूस करते है। लेकिन कोरोना महामारी ने इस बार इस रमणीक टैªैकिग स्थल को वीरान किया हुआ है। सतोपंथ के पास ही एक गुफा मे एक साधु तपरत रहते है, यदा-कदा उनके भक्त उनकी कुशल क्षेम पूछने वहाॅ पंहुच जाते है। जबकि गतवर्षो तक श्री बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही यहाॅ के ट्रैक रूट पर पर चहल-पहल देखने को मिलती थी। जो इस बार नही है। और इस ट्रैकिंग रूट के माध्यम से माणा गाॅव के युवावों के साथ ट्रैकिंग ब्यवसाय से जुडे सैकडो युवावों को रोजगार भी मिलता था।
बहरहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के उपलक्ष मे आयेाजित सेवा सप्ताह का समापन सतोपंथ पंहुचकर सफाई अभियान चलाकर युवावों ने एक प्रेरणा अवश्य दी हैं। और अभी अक्टूबर मास तक भी सतोपंथ ट्रैक पर आवागमन आसानी से किया जा सकता है। उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले अक्टूबर महीने मे प्रकृति प्रेमी पर्यटक अवश्य सतोपंथ की ओर स्ख करेगे और कोरोना की साया के कारण अब तक वीरान इस रमणीक स्थल मे एक माह के लिए ही सही कुछ तो रौनक लौटेगी ।