उरगम घाटी, जोशीमठ, चमोली। उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय के द्वारा शैव सर्किट का निर्माण किया गया है। इस शैव सर्किट से पंचम केदार कल्पेश्वर को बाहर रखा गया है, जबकि पंच केदार के केदार केदारनाथ, मध्यमेश्वर, तुंगनाथ, रुद्रनाथ इसमें में शामिल किया गया है। बद्रीनाथ के पूर्व विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन प्रेषित किया था और जानकारी दी गई थी शैवसर्किट में कल्पेश्वर को भी जोड़ दिया गया है, जबकि कल्पेश्वर को सर्किट से हटा दिया गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को खासी नाराजगी है।
जोशीमठ के क्षेत्र पंचायत प्रमुख हरीश परमार का कहना है, सरकार के द्वारा श्री कल्पेश्वर को उपेक्षित दृष्टि से देखा जा रहा है। कल्पेश्वर धाम की सड़क की हालत भी बहुत खराब है। विगत 5-6 वर्षों से क्षेत्रीय जनता सड़क ठीक करने की मांग कर रही है। सरकार उसमें ध्यान नहीं दे रही है और कल्पेश्वर जैसे धाम को सर्किट से हटा देना या ना उसको जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
यह क्षेत्र पंच केदार और पंच बद्री का अभिन्न हिस्सा रहा है। इसका जोरदार विरोध किया जाएगा। प्रधान संघ के अध्यक्ष अनूप नेगी का कहना है कि सरकार में बैठे हुए लोगों को पर्यटन एवं तीर्थाटन की सही जानकारी नहीं होने कारण इस तरह की अविवेकपूर्ण फैसले आ रहे हैं। जिसका जनता विरोध कर रही है। कल्पेश्वर को शैव सर्किट से बाहर रखने के बारे में आंदोलन किया जाएगा।
देवग्राम के प्रधान देवेंद्र सिंह रावत कहते हैं सरकार के द्वारा पंच केदार कल्पेश्वर विकास के लिए कोई योजना नहीं है। इसको उपेक्षित दृष्टि से देखा जा रहा है विशेष करके बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों को गौण रुप से देख रही है इस प्रकरण में शीघ्र आंदोलन किया जाएगा। बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी से जब दूरभाष से बात की गई उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में पर्यटन निदेशालय के जवाब तलब किया जाएगा इस तरह की घटना का हम विरोध दर्ज करते हैं। कल्पेश्वर को शैव सर्किट से जोड़ा जाना आवश्यक है। कल्पेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद नेगी कहते हैं इस प्रकरण में हम सरकार को पत्र लिखेंगे और इसका विरोध करेंगे।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट