आईएसबीटी वाईशेप फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया है। एनएच ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में इस फ्लाईओवर को जनता के लिए खोलने की तैयारी कर ली है। वैसे आईएसबीटी फ्लाईओवर को बने दो साल से अधिक का समय हो गया है। इसे बनाने के बाद भी आईएसबीटी में जाम की समस्या दूर नहीं हुई। आईएसबीटी फ्लाईओवर के डिजाइन के वक्त ही तत्कालीन मेयर विनोद चमोली ने वाईशेप फ्लाईओवर भी साथ में बनाने का सुझाव राष्ट्रीय राजमार्ग को दिया था, लेकिन उस वक्त तत्कालीन सरकार ने वाईशेप को मंजूरी नहीं दी।
बाद में वाईशेप फ्लाईओवर को मंजूरी मिली और काम शुरू हुआ। इसे पहले ही तैयार हो जाना था, लेकिन डिजाइन में तकनीकी दिक्कत के कारण निर्माण में एनएच को एक्सटेंशन लेना पड़ा था। यह फ्लाईओवर वन-वे है। मसलन रिस्पना पुल से डाट काली मंदिर की ओर जाने वाले वाहन ही इस फ्लाईओवर से गुजर सकेंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग रुड़की खंड के अधिशासी अभियंता जीत सिंह रावत ने बताया कि एप्रोच रोड समेत फ्लाईओवर की कुल लंबाई 595 मीटर है। इसे बनाने में 33 करोड़ की लागत आयी है। इसी माह के आखिरी सप्ताह में फ्लाईओवर में वाहन दौड़ने शुरू हो जाएंगे। अभी भी कार्य जोरशोर से चल रहा है। साथ ही प्रत्येक छोटे-बड़े काम की निगरानी भी रखी जा रही है। अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 25 अप्रैल तक इस फ्लाईओवर पर वाहन दौड़ते दिखाई दे सकते हैं।