प्रकाश कपरूवाण । जोशीमठ।
जन्म दिवस पर देवस्थानम बोर्ड व मंदिरो पर सीएम तीरथ रावत द्वारा दिए गए उपहार से तीर्थपुरोहितों मे खुशी की लहर। साधु-ंसंतों व विश्व हिन्दुपरिषद का भी आभार जताया।
चारधाम तीर्थपुरोहित हक-ंहकूकधारी महापंचायत की ऋषिकेश मे हुई बैठक मे तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम बार्ड पर पुर्नविचार एंव सम्मलित किए गए सभी मंदिरों को मुक्त करने की घोषणा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गढ़वाल सांसद व राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पदभार ग्रहण करते ही उत्तराखंड के तीर्थपुरोहितों को देवस्थानम बोर्ड पर पुर्नविचार करने का जो आश्वासन दिया थां, उस पर अपने जन्म दिवस पर कुम्भ नगरी हरिद्वार से जो उपहार राज्य के चारो धामो के तीर्थपुराहितों व हकहकूक समाज को दिया है, इससे पूरे राज्य मे खुशी का माहौल है।
तीर्थपुरोहितों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के उज्जव भविष्य की कामना भगवान बदरीविशाल, बाबा केदार व माॅ गंगा व यमुना से करते ही यथाशीध्र देवस्थानम बोर्ड भंग करते हुए पूर्व की भाॅति बदरी-ंउचयकेदार मंदिर समिति को पुन अस्तित्व मे लाकर कार्य प्रारंम्भ करने का आग्रह किया है। इस बैठक मे चारधाम तीर्थ पुराहित हकहकूक धारी समाज के अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोठियाल व महामंत्री हरीश डिमरी के अलावा डिमरी धार्मिक पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी, लक्ष्मी नारायण जुगराडा, खिलानन्द उनियाल, रमाबल्लभ भटट, विनोद शुक्ला आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 200के अधीन राज्यपाल ने उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित’’उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंन्धन विधेयक 2019 की स्वीकृति प्रदान की थी।
उसके बाद से ही चारो धामे के तीर्थपुरोहित व हकहकूक समाज के लोगो ने जर्बदस्त आंदोलन किया था। और भाजपा राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यनम स्वामी ने हाईकोर्ट नैनीताल व सुप्रीम कोर्ट मे तक इस एक्ट के खिलाफ अपील दायर की थी। और विहिप परिषद ने हिन्दु मंदिरों को सरकारी चुंगल से मुक्त कराने का फरमान भी जारी किया था। इन सबके अलावा केरल के संदर्भ मे उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने एक ट्वीट जिसमे उन्होने कहा था कि केरल सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से हिन्दु मंदिरो पर कब्जा किया है, और चुनावो मे इनके प्रत्याशियो की जमानत जब्त होनी चाहिए। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितो के एक प्रतिनिधि मंडल ने विगत दिनो हरिद्वार पंहुचे संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी भेंट कर देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने का आ्रग्रह किया था। इन सभी परिस्थितियों के अध्ययन व आकंलन के बाद ही संभवत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह बडा फैसला लिया हैं जिसे लेकर पूरे राज्य के चारो धामो से जुडे समाज मे खुशी की लहर है।