जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने आत्मघाती हमला किया. सीआरपीएफ के आईजी जुल्फकार हसन ने बताया कि 54 बटालियन की गाड़ी को निशाना बनाया गया, जिसमें 48 जवान सवार थे.
इस धमाके में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए कई जवान घायल हैं, कई जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है. घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आत्मघाती हमले के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है.
घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे.
आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया है. उरी के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है. उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने CRPF के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें एक दर्जन से अधिक जवानों के शहीद होने की खबर है और कई घायल हैं.
जेईएम प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने एक बयान में कहा कि हमले में सुरक्षाबलों के दर्जनों वाहन नष्ट कर दिए. घाटी आधारित समाचार एजेंसियों को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता ने बताया कि यह फिदायीन हमला था. इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है. इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है. बताया जा रहा है कि जिस गाडी से हमला हुआ उसमें 200 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है.
आदिल अहमद का एक फोटो भी सामने आया है. इसमें वह अपने आपको जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बता रहा है और लिखा, ‘गिन रखा है अपने लहू का हर कतरा हमने, न बख्शे हमारे शहीद हमें, जो हमने तुमको एक-एक कतरा गिनवाया नहीं – जाहिद बिन तलहा’ हालांकि अभी तक सेना की और से जाँच के बाद ही कोई फैसला आएगा.
फिदायीन हमला होने के साथ ही पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया. हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया था. सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हाईवे सहित जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है.