देहरादून। सहसपुर थाने दर्ज विवाहिता की गुमशुदगी जांच मे सनसनी खेज खुलासा हुआ। पुलिस जांच मे पता चला की पति ने ही पत्नी को मौत के घाट उतारकर शव को आसन नदी में फेंका था। पुलिस ने महिला का शव बरामद कर हत्यारे पति को गिरफ्तार कर लिया हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 25 दिसम्बर को ग्राम जगड गावँ थाना धरासू जिला उत्तरकाशी निवासी सत्येश्वर प्रसाद के पुत्र जयन्तिप्रसाद नौटियाल ने थाना सहसपुर पुलिस को लिखित तहरीर देते हुए बताया की उन्होंने अपनी पुत्री मीना देवी उम्र 38 वर्ष का विवाह वर्ष 2001 में मधुसूदन जगूड़ी पुत्र सुरेशानंद निवासी ग्राम जोगत पट्टी थाना धरासू जिला उत्तरकाशी उम्र 41 वर्ष के साथ किया था। दोनो पति पत्नी वर्ष 2010 तक साथ रहे थे उनके दो बच्चे भी हुए, फिर एक दिन अचानक मधुसूदन उनकी पुत्री को छोड़ कर बिना बताए गावँ से चला गया।
उसकी काफी तलाश की गई तो ज्ञात हुआ कि वह देहरादून के ग्राम फतेहपुर में रह रहा है जिस पर मधुसूदन के बड़े भाई से संपर्क किया गया तो पता चला की अक्टूबर 2018 में उनकी बेटी मीना को बच्चों सहित ग्राम फतेहपुर धर्मावाला में छोड़ दिया था, उसके कुछ दिन तक तो उनका संपर्क मीना से हुआ पर लगभग एक महीने से मीना से कोई संपर्क न होने पर मधुसूदन से पुछने पर उसके द्वारा बताया गया कि वह 22 नवंबर को घर से उत्तरकाशी बोल कर गई है लेकिन वह अभी तक न नही उत्तरकाशी आई है और न ही देहरादून में है। इस सूचना पर थाना सहसपुर पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर ली।
उक्त गुमशुदगी का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल गुमशुदा की बरामदगी हेतु निर्देशित किया गया जिस पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवम सीओ विकासनगर के निकट पर्यवेक्षण तथा थानाध्यक्ष सहसपुर के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित पुलिस टीम द्वारा गुमशुदा मीना के संबंध में सभी तथ्यों पर गहनता से छानबीन की गई तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि मीना कक्षा 10 वीं तक पढ़ी है। दोनो बच्चे होने के बाद पति पत्नी में विवाद होने लगा था जिस कारण मधुसूदन दिल्ली चला गया और दिल्ली में पलम्बर का काम करने लगा और उसके बाद अक्टूबर 2011 में देहरादून आ गया कुछ दिन ड्राइविंग की और फिर दिसंबर 2011 में टिहरी जिले से शीतल नामक महिला से दूसरी शादी कर ली जिससे 01 पुत्र का जन्म हुआ और उसके साथ ग्राम फतेहपुर धर्मावाला में किराये पर रहकर दोनो पति पत्नी सेलाकुई में फैक्ट्री में काम करते है।
मीना के वापस आ जाने से उसने मीना को ग्राम फतेहपुर में अलग एक कमरा किराये पर दे दिया और मीना अपने दोनों बच्चों के साथ उस किराये के मकान में रहने लगी तथा मधुसूदन हर रोज उसके पास भी आने जाने लगा। इन सब बातों की जानकारी होने के फलस्वरूप गठित पुलिस टीम द्वारा मधुसूदन से शक के आधार पर पुछताछ की गई एवम उसकी दूसरी पत्नी एवम दोनो पत्नियों के बच्चों व मधुसूदन के फ़ोन रिकॉर्ड चेक किये गए तो विरोधाभास पाया गया जिस पर मधुसूदन से गहनता से पुछताछ की गई तो उसके द्वारा अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि वह मीना की हरकतों से परेशान होकर पहले अपने घर से आया था, मीना फिर उसकी जिंदगी में आ गई थी और फिर वैसे ही हरकते कर रही थी इसलिए उसने 22 नवंबर को सांय 7 बजे उसको घुमाने के बहाने आसनपुल धर्मावाला नदी के पास ले जा कर उसके सर पर जान से मारने की नीयत से पत्थर से वार किया और बेहोश हो जाने पर नदी में लगभग 15 मिनट तक डुबा कर रखा फिर मीना के मर जाने पर उसके शव को नदी में बहा दिया और घर आकर सबको बोल दिया कि वह उत्तरकाशी वापस चली गई है। मधुसूदन की निशानदेही पर नदी किनारे से खून से सना पत्थर एवम मीना के कान का कुंडल और मीना की चप्पल बरामद की गई।
मीना के शव की तलाश की गई तो ज्ञात हुआ कि 25 नवंबर को एक महिला का अज्ञात शव थाना विकासनगर की आसन नदी से बरामद किया गया था । थाना विकासनगर से उक्त बरामद अज्ञात महिला के शव के फोटो एवम बरामद कुंडल का मिलान किया गया तो उक्त बरामद शव मीना का होना पाया गया, जिस पर अभियुक्त मधुसूदन को जुर्म धारा 302/201 भादवि में ग्राम फतेहपुर से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम मे नरेश सिंह राठौड़ थानाध्यक्ष सहसपुर, उप निरिशक रणजीत खनेड़ा, अर्जुन गुसाईं, राज विक्रम , नवनीत भंडारी, कवीन्द्र राणा, आलोक गौड़, विनेश कुमार, आरक्षी दीपक, सुधीर, प्रवीण, रजनीश, नवीन, मंजीत , अमित, जितेंद्र कुमार शामिल थे।