फोटो..चमोली मे 50 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की वित्तीय स्वीकृति की जानकारी देती डी एम।
प्रकाश कपरवान
जोशीमठ, चमोली। जिले में मनरेगा और महिला बाल विकास विभाग की आइसीडीएस योजना के अंतर्गत पंचायतों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इन आंगनबाडी केन्द्रों में पंजीकृत नौनिहालों को अब खुद की छत मिलेगी। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आईसीडीएस योजना के अन्तर्गत 3 करोड 75 लाख की लागत से 50 आंगनबाडी भवनों को बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। प्रत्येक भवन निर्माण पर 7.50 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें 5 लाख रुपये मनरेगा और 2.50 लाख रुपये महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने आंगनबाडी भवन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कार्यदायी संस्था को प्रारम्भ में 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान करने के निर्देश डीपीओ को दिए। कहा कि भवन निर्माण कार्य पूरा होने पर ही सम्मपूर्ण धनराशि का भुगतान किया जाए। उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष 2016.17 एवं 2017.18 में हुए आंगनबाडी भवनों के निर्माण की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने एवं अवशेष धनराशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में आंगनबाडी भवन निर्माण के लिए नगर निकायों के साथ समन्वय बनाकर आंगनबाडी भवन निर्माण की कार्यवाही करने को कहा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नगर पालिका व नगर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय परिसरों में जो आंगनबाडी भवन निर्माण होने है उनके प्रस्ताव जिला योजना में रखना सुनिश्चित करें और इसकी सूची शिक्षा विभाग को भी उपलब्ध करें। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, सीटीओ तंजीम अली, एपीडी सुमन बिष्ट, डीपीओ संदीप कुमार, डीईओ नरेश कुमार हल्दयानी, ईई आरईएस अला दिया, एई एलपी भट्ट आदि मौजूद थे।
जिले में आंगनबाडी के अपने खुद के भवन होने से नौनिहालों को बैठने के साथ पोषाहार खाने, खेलने अध्ययन करने के साथ विभाग की ओर से संचालित अन्य गतिविधियों को लेकर भी जगह की कमी नहीं खलेगी। वहीं केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी बैठने के साथ इनके लिए संचालित योजना का कार्य भी आसानी के साथ पूरा होगा। जिले में 1078 आंगनबाडी केन्द्र है जिसमें से केवल 248 आंगनबाडी के ही अपने भवन बने है। अब एक साथ 50 और आंगनबाडी केंद्रों के खुद के भवन बनने से बडी राहत मिलेगी।
गैरसैंण ब्लाक के सारेग्वाड, दिवाधार, छडीसैंण, कालीमाटी, पज्याणाखाल, जलचैरा और पोखरी ब्लाक के मज्याडी, गुनियाला, नैलएथा, श्रीगढ, सिमखोली, शरणचाई आंगनबाडी का भवन बनेगा। घाट ब्लाक के गण्डासू, चरबंग, काण्डई, मटई.1, पगना, फाली, कुण्डी, सरपाणी, सेमा, बेरो, मटई.2, सैंती, जोशीमठ ब्लाक के पैंका तथा दशोली ब्लाक के सिरोली, देवरखडोरा, नैलकुडाव, धारकुमाला, भीडलगा गडोरा, गोणा.2, पिलंग, सिरौं, खल्ला, सैकोट में आंगनबाडी भवन बनेगा। कर्णप्रयाग ब्लाक के चैकी, भठोली, कुक्डई, लंगासू व नारायणबगड ब्लाक के जबरकोट, कुलसारी, मैटामल्ला, जुनेर, रैंई, गौरवारम एवं थराली ब्लाक के केरा, थनगिरा, बैनाली, सिलोडी, ढुंगाखोली में आंगनबाडी भवन निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
जिले में आंगनबाडी केन्द्रों की दशा और दिशा सुधारकर नौनिहालों के सर्वागीण विकास के लिए अभूतपूर्व कार्य किए गए है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की विशेष पहल पर नौनिहालों को गुणवत्ता युक्त पूर्वशाला शिक्षा देने के लिए जिले में बचपन प्रोजेक्ट के तहत अभी तक 120 आंगनबाडी केन्द्रों को माॅडल रूप में तैयार किया जा चुका है और 10 आंगनबाडी केन्द्र को माॅडल बनाने का कार्य चल रहा है। इन सभी आंगनबाडी केन्द्रों में प्रोजेक्टर, आडियों-वीडियो किट, फर्नीचर, कलर मैट, कलर बुक, गुढढा.गुढढी बोर्ड, खेलकूद तथा लम्बाई और वजन मापने के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है। आंगनबाडी में पढने वाले बच्चों को ट्रैकसूट व हाईजिन किट दी गई। आंगनबाडी भवनों में आर्ट टीचरों के माध्यम से आकर्षक व संदेशपरक वाॅल पेन्टिंग कराई गई है। जिन आंगनबाडी में भवन नही है उनमें भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है।