• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

आधुनिक तरीके से खेती कर बचाई जा सकती है पहाड़ कृषि

05/07/20
in उत्तराखंड, संस्कृति
Reading Time: 1min read
469
SHARES
586
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
पिपरमिंट वैज्ञानिक नाम . मेंथा.पिपरिता एक शंकर प्रजाति का मिंट है जो मेंथा एक्वेटिका और मेंथा स्पिकाटा का शंकर करके बना है। यह यूरोपीय पौधा है जो अब विश्व के अनेक देशों में पैदा किया जाता है। भारत पिपरमिंट का प्रमुख उत्पादक देश बन गया है। मेन्था यानी पुदीना की खेती का पुराना इतिहास रहा है। मिस्त्र से लेकर चीन के साहित्य में इसका उल्लेख मिलता है। भारत में भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है। कश्मीर, पंजाब, कुमाऊँ, गढ़वाल और पश्चिमी हिमालय के क्षेत्रों में पुदीना बहुतायत में उगाया जाता है। आजकल इसकी दो प्रजातियां अधिक प्रचलन में हैं मेंथा पिपरीटा इसे हिंदी में विलायती पुदीना कहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में उगाया जाता है। मेंथाआर्वेंसिस इसे जापानी पुदीना के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के अलावा ब्राजील, जापान, चीन, पूर्वी एशिया के देशों में उगाया जाता है।
भारत में पुदीना की व्यावसायिक खेती लगभग तीन दशकों से की जा रही है। इनमें जापानी पुदीना का स्थान सर्वोपरि है। इसमें 65 से 75 प्रतिशत मेंथॉल पाया जाता है। वर्तमान में उत्तरप्रदेश इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी इसकी पैदावार होती है। पुदीना से प्राप्त सुगंधित तेल और इसमें पाए जाने वाले अवयवों का उपयोग व्यापक रूप से सौंदर्य प्रसाधनों, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों सुगंधित करने, मेंथॉल बनाने, टॉफी बनाने, पान के मसालों को सुगंधित करने, खांसी, सर्दी .जुकाम, कमर दर्द के लिए मलहम बनाने और गर्मियों में पेय पदार्थ निर्माण आदि के लिए विश्व भर में उपयोग किया जाता है। चालू सीजन यानी 2019-20 सीजन जून.मई में मेंथा ऑयल का उत्पादन काफी ज्यादा रहा। बाजार के सूत्रों का कहना है कि 2019-20 में उत्पादन लगभग 48,000-50,000 टन मेंथा ऑयल का उत्पादन हुआ था।
देश में पैदा होने वाला लगभग 75 फीसदी मेंथा ऑयल का निर्यात किया जाता है। इसलिए घरेलू से ज्यादा विदेशी मांग कीमतों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाती है। वर्तमान में मेंथा ऑयल के भाव 1200 से 1400 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। जो कि उत्पादन लागत के दोगुना से अधिक है। एक हेक्टेयर मेंथा की फसल से लगभग 150 किलो तेल प्राप्त हो जाता है यदि अच्छे से प्रबंधन किया जाए और समय से रोपाई हुई हो तो 200 से 250 किलो तेल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो जाता है। केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास में है। इसके लिए सरकार समय.समय पर कर्जमाफीए ऋण योजनाएंए सस्ते खाद.बीज आदि जैसे कई उपाय कर रही है। समय के साथ.साथ किसान भी जागरूक हुए हैं और अब परंपरागत फसलों के स्थान पर नकदी की फसल को भी प्रमुखता देने लगे हैं। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान पहाड़ के हर व्यक्ति की जुबां पर यही नारा था। लेकिनए राज्य गठन के 19वर्षों बाद प्रदेश में कोदा.झंगोरा मिलना किस कदर मुश्किल हो चला है, यह बात महिला और बाल विकास परियोजना से जुड़े विभिन्न समूहों से बेहतर कौन जान सकता है।
असल में शासन ने प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले टेक.होम राशन की सूची में संशोधन कर कोदा मंडुवा और झंगोरा के साथ ही गहथ और काला भट जैसी स्थानीय दालों को अनिवार्य कर दिया है। यही आदेश अब योजना के संचालन में गले की फांस बन रहा है। तमाम प्रयासों के बावजूद समूह पर्याप्त मात्रा में इन उत्पादों का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में मंडुआ, कोदो, भट और गहत जैसी फसल आज अंतिम साँस ले रही है। उत्तराखण्ड मे बागवानी, बे.मौसमी सब्जियों, फूलों की खेती, औषधीय और सुगंधित पौधों की फसलों की आपर संभावनाएं है बंजर और उबड.खाबड़ भूमि आड़ू, नाशपाती और खुमानी जैसे फलों के लिए समर्पित हैं।
इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए कुछ संगठनों ने पहाड़ के लोगों को आधुनिक खेती की तरफ आकर्षित करने की शुरूआत की ताकि किसी भी हाल में पहाड़ के उत्पादों को बचाया जा सकें। इस कड़ी में राष्ट्रीय उत्तरखण्ड सभा भारत द्वारा राज्य के में आधुनिक कृषि उपकरणों के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गई। ताकि पहाड़ पर खेती की मात्रा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सकें। राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा भारत के तत्वाधान में कृषि, स्वरोज़गार, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर आधारित बहुउद्देशीय सुविधा शिविर तथा आज के समय में आधुनिक खेती के माध्मय से पहाड़ में खेती को बचाने की बहुत आवश्यकता है। इस दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है। शुरुआती दौर में टेक.होम राशन में कोदा.झंगोरा जैसे उत्पाद नहीं थे, लेकिन अब शासन ने कोदा.झंगोरा के साथ ही गहथ और काला भट जैसी स्थानीय दालों को भी टेक.होम राशन में अनिवार्य कर दिया है। पिछले दिनों शासन की ओर से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया। मुझे लगता हैं कि इससे हम पहाड़ के उत्पादों को बचा भी सकते है और अपने उत्पादों के लिए बाजार भी बना सकते है। ताकि पहाड़ पर खेती की मात्रा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सकें।

Share188SendTweet117
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावानी

Next Post

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पांच बिंदुओं पर जोर

Related Posts

उत्तराखंड

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025
8
उत्तराखंड

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
5
उत्तराखंड

जियो थर्मल पॉलिसी बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य: डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम

November 17, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखंड पहाड़ों के लिए अब आर्थिक और राजनीतिक संकट

November 17, 2025
6
उत्तराखंड

प्रख्यात चिकित्सक डाँ सुदर्शन सिंह भण्डारी के आकस्मिक निधन से पैनखंडा जोशीमठ एवं दसोली क्षेत्र शोक की लहर

November 17, 2025
11
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद किया

November 16, 2025
13

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67506 shares
    Share 27002 Tweet 16877
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45757 shares
    Share 18303 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38034 shares
    Share 15214 Tweet 9509
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.