डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
कटहल का पौधा एक सदाबहार, 8.15 मीण् ऊँचा बढ़ने वाला, फैलावदार एवं घने क्षेत्रकयुक्त बहुशाखीय वृक्ष होता है, जो भारत का देशज है। भारत वर्ष में इसकी खेती पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के मैदानों, उत्तर.पूर्व के पर्वतीय क्षेत्रों, संथाल परगना एवं छोटानागपुर के पठारी क्षेत्रों, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बंगाल के मैदानी भागों में मुख्य रूप से की जाती है। कटहल के वृक्ष की छाया में कॉफी, इलाइची, काली मिर्च, जिमीकंद हल्दी, अदरक इत्यादि की खेती सफलतापूर्वक की जा है। स्वाद एव पौष्टिकता की दृष्टि से कटहल का फल अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके फल बसंत ऋतु से वर्षा ऋतु तक उपलब्ध होते हैं। बसंत ऋतु में जब प्रायः सब्जी की अन्य प्रजातियों का अभाव रहता है, कटहल के छोटे एवं नवजात मुलायम फल एक प्रमुख एवं स्वादिष्ट सब्जी के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। जैसे.जैसे फल बड़े होते जाते है इनमें गुणवत्ता का विकास होता जाता है एवं परिपक्व होने पर इसके फलों में शर्कराए पेक्टिनए खनिज पदार्थ एवं विटामिन ए का अच्छा विकास होता है। कटहल के फल एवं बीज में पाये जाने वाले विभिन्न पोषक तत्वों को नीचे की सारणी में दिया गया कटहल जैकफ्रूट एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसकी गिनती फल और सब्जी दोनों में होती है। इस बार गर्मी के मौसम में इसे खाने का बड़ा फायदा यह है कि ये आपको शरीर को कोरोना वायरस से बचाने में सहायक हो सकता है। क्योंकि इसके खाने से इम्युनिटी बहुत तेजी से बढ़ती हैण् कटहल में विटमिन.ए, विटमिन.बी6 और विटमिन.सी बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
विटमिन.ए हमारी आंखों के लिए, विटमिन.बी6 ब्रेन हेल्थ के लिए और विटमिन.सी इम्यून सेल्स के बूस्ट करने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। कटहल चाहे तो आप सब्जी के रूप में खाएं या फिर इसे पकाकर फल के रूप में इसका सेवन करें। इससे आपको कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्निशियम, फोलिक एसिड, थायामिन और नियासि जैसे मिनरल्स और पोषक तत्व मिलते हैं। कटहल अपने मोटे और सख्त छिलके के नीचे! ये सभी तत्व हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। वैसे भी कोरोना काल में हर किसी को मजबूत इम्युनिटी की जरूरत है। ऐसे में कटहल की स्वादिष्ट सब्जी हम सभी की इस जरूरत को पूरा कर सकती है।
पोषक तत्व
प्रति 100 ग्राम कच्चे फल पके फल बीज
नमी प्रतिशत 84.0 77.2 64.5
कार्बोहाइड्रेड ग्रा. 9.4 18.9 25.8
प्रोटीन ग्रा. 2.6 1.9 .6
कुल खनिज पदार्थ0.9 0.8 1.2
कैल्शियम मि.ग्रा 50.0 20.0 21.0
फ़ॉस्फोरस मि.ग्रा 97.0 30 20.1
लौह तत्व ;मि.ग्रा 1.5 500.0 20.1
विटामिन ए आइ.यू0.0 540.0 17.0
थायमिन मि.ग्रा 0.3 30.0 17.0
पिथौरागढ के कनालीछीना ब्लाक के मलान गांव निवासी जयप्रकाश ने जबकि दर्जनों ग्रामीणों को परोक्ष रूप से रोजगार मिला रहा है। गांव में आज आम, कटहल, लीची, अमरूद, माल्टा, संतरा, नींबू के बाग तैयार हो चुके हैं। मलान गांव में निवास करने वाले 25 परिवार भी इसी राह पर आगे बढ़ रहे हैं। कोविड.19 के कारण उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। बेरोजगार युवा मिल्क प्रोसेसिंग, बटर, चीज व अन्य डेयरी उत्पाद में भाग्य आजमा सकते हैं। मुर्गी पालन, होटल, अवकाश कालीन खेल तथा रोप वे में उद्यम चालू किया जा सकता है।
होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड फूड क्रॉफ्ट, डाइंग प्लांट, गैर परंपरागत ऊर्जा उत्पादन आदि सेक्टरों में स्वरोजगार की शुरुआत की जा सकती है। इसमें निवेश प्रोत्साहन योजना तथा ब्याज उपादान योजना शामिल है। स्टांप शुल्क में भी छूट है। विद्युत बिलों की भी प्रति पूर्ति हो सकती है। उत्तराखंड के जिस, वह साग.सब्जी की आवश्यकता के मामले में आत्मनिर्भर जाता तो इससे बेरोजगार युवा स्वरोजगार के साथ.साथ दूसरों को भी रोजगार देने वाले बन सकते हैं। रोजगार को शुरू करने के लिए बहुत कम पूंजी लगाकर अधिकतम फायदा उठाया जा सकता है। कोरोनावायरस के कारण नॉनवेज विशेष रूप से मुर्गे की बिक्री में काफी गिरावट देखने को मिली है। कोरोनावायरस के डर से लोगों की फेवरेट चिकिन बिरयानी से भी लोगों ने दूरी बनाकर रखी। नॉन वेज की पर्चेजिंग कम होने के कारण सब्जीमंडी में कटहल के अलावा अन्य सब्जियों की डिमांड बढ़ी है। सब्जी व फल मंडी में एक आढ़तिये ने बताया कि आज से दस दिन पहले हम कटहल की एक गाड़ी मंगाते थे। लेकिन अब यहां पर चार गाड़ी डेली आ रही हैं। इसके बाद भी डिमांड बढ़ रही है। यहां पर कर्नाटक से कटहल मंगाई जा रही है। कई बड़े रेस्टोरेंट्स में कटहल बिरयानी भी मिलती है। जिसे लोगों के द्वारा काफी पसंद किया जाता है। कटहल बिरायानी अक्सर चिकिन बिरयानी से भी महंगी मिलती है।उत्तराखंड के जिस, वह साग.सब्जी कटहल की आवश्यकता के मामले में आत्मनिर्भर जाता तो इससे बेरोजगार युवा स्वरोजगार के साथ.साथ दूसरों को भी रोजगार देने वाले बन सकते हैं। रोजगार को शुरू करने के लिए बहुत कम पूंजी लगाकर अधिकतम फायदा उठाया जा सकता है।