केदारनाथ आपदा में लापता हुई एक बच्ची पांच साल बाद परिवार वालों को मिल गई। सोमवार को दादी ने पोती को देखा तो उनकी आंखें डबडबा आईं। इस त्रासदी में बच्ची के पिता समेत परिवार के अन्य सदस्य लापता हो गए थे। बच्ची जम्मू में बाल कल्याण समिति आश्रम में रह रही थी। अलीगढ़ चाइल्ड लाइन ने बच्ची को दादी को सौंपा।
चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने बताया कि अलीगढ़ के थाना बन्ना देवी स्थित लोहिया नगर के मूल निवासी राजेश पुत्र हरिश्चंद्र परिवार के साथ गाजियाबाद रह रहे थे। 2013 में राजेश पत्नी सीमा तीन बच्चों चंचल, दुर्गेश व शिवानी के साथ केदारनाथ लिए गए। राजेश का आपदा के बाद कोई पता नहीं चला, साथ ही पत्नी सीमा, बच्चे दुर्गेश, शिवानी व चंचल भी बिछड़ गए। मानसिक रूप से दिव्यांग और आंशिक दृष्टि बाधित चंचल परिवार से बिछड़ने के बाद जम्मू में दिव्यांग बालिकाओं के लिए चलने वाले शेल्टर होम पहुंच गई और वहीं रह रही थी।
बाल कल्याण समिति जम्मू की अध्यक्ष शालिनी शर्मा से बातचीत के दौरान चंचल ने अलीगढ़ में रहने वाले परिजनों के विषय में बताया। शालिनी शर्मा ने डेढ़ माह पूर्व शहर विधायक संजीव राजा से संपर्क किया। शहर विधायक ने उड़ान सोसाइटी की ओर से संचालित अलीगढ़ चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा से बालिका के परिजनों का पता लगाने को कहा। बालिका के दादा हरिशचंद को बन्ना देवी पुलिस के माध्यम से खोजा गया। परिजनों की सहमति के उपरांत बालिका को सोमवार को दादी शकुंतला के सुपुर्द कर दिया गया।