फोटो–शाम ढलते ही भालुओं का झुण्ड वस्तियों में विचरण करते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भालुओं के आंतक से सहमे हुए हैं नगर क्षेत्र जोशीमठ के नागरिक। सायं होते ही भालुओं के झुण्डांे की दस्तक से परेशान हैं सीमांतवासी। वन विभाग ने गश्त तेज की, पिंजरा लगाया।
इन दिनों जोशीमठ नगर क्षेत्र भालुओं के आंतक के साए में जीने को विवश हो गया है। नगर के लगभग सभी वार्डो मे भालुओं ने आंतक मचा रखा है। सायं होते ही भालुओं का झुण्ड वस्तियों की ओर रूख कर रहा है। नगर के मारवाडी, चुनार, गोरग, सेमा, सिंहधार, सुनील, नोग, चैडारी, दौडिल, परसारी व रविग्राम क्षेत्र मे हर दिन भालूओं की विचरण की खबरे है। हाॅलाकि वन विभाग की ओर से सुबह तडके व रात्रि को दो टीमे बनाकर गश्त की जा रही है। लेकिन क्षेत्र बडा होने के कारण गश्ती दल पूरे क्षेत्र मे नही पंहुच पा रहे है, जहाॅ से भी भालू दिखने की खबरे आती है उसी ओर गश्ती दल पंहुचता है। गश्ती दलों द्वारा हवाई फायर व पटाखे तो फोडे जा रहे है। लेकिन गश्ती दल के संबधित क्षेत्र से जाने के बाद भालू फिर वही धमक जा रहा है। जिसके चलते सांय होते ही लोगो का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। नगर के प्रवेश द्वार पर बने कूडा डंपिंग जोन मे तो पाॅच-पाॅच भालू एक साथ दिख रहे है।
बीते दिनो तो भालुओं ने एक ही रात्रि मे अलग-अलग स्थानों मे 6लोगो का जख्मी कर दिया था। उसके बाद तो पूरे क्षेत्र मे दहशत और भी बढ गई है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा के अनुसार विभाग द्वारा दो टीमे गठित कर सुबह-सांय गश्त की जा रही हैं इसके अलावा एक स्थान पर पिंजरा भी लगा दिया गया है। एक अन्य स्थान पर भी पिंजरा लगाया जाऐगा। उन्होने कहा कि कूडा डंपिग जोन नगर के नजदीक होने के कारण भालुओं का झुण्ड वहाॅ पंहुच रहा है। और वही से भागते हुए वे वस्तियों मे भी पंहुच रहे है। इसके लिए वे नगर पालिका व स्थानीय प्रशासन से भी कूडा डंपिंग जोन को अन्यत्र बनाए जाने के लिए वार्ता कर रहे है। शहर के नजदीक से कूडा डंपिग जोन हटने से भी कुछ हद तक आस-पास के क्षेत्रो से भालुओ की दश्तक कम हो सकेगी।
डीएफओ श्री शर्मा ने बताया कि भालुओ के हमलों से बचने के लिए विभाग द्वारा भी अपने स्तर से लोगो को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।