
फोटो- विश्वधरोहर फूलों की घाटी मे विचरण करते पर्यटक ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। विश्व धरोहर फूलों की घाटी का यौवन अब समाप्ति की ओर फिर भी पर्यटकों का पंहुचना जारी। विदेशी पर्यटकों ने भी घाटी की सैर की। अब तक 530 पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके हैं।
प्रकृति की अनमोल धरोहर फूलों की घाटी हाॅलाकि इस बार कोविड-19 के कारण दो महीने बाद अगस्त महीने में खुल सकी। जबकि 15 अगस्त के बाद घाटी में फूलों का मुरझाना शुरू हो जाता हैं, वावजूद इसके अभी भी प्रकृति प्रेमी पर्यटकों का घाटी में पंहुचना जारी है। प्रतिवर्ष फूलों की घाटी 01 जून को पर्यटकांे के लिए खोल दी जाती है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष 01 अगस्त को घाटी को पर्यटकों के आवागमन के लिए खोला गया। और 1 अगस्त से अब तक 530 पर्यटक घाटी की वादियों का दीदार कर चुके हैं। खास बात यह कि इन पर्यटकांे में थाईलैण्ड, जापान, स्विटजरलैण्ड व कनाडा के भी पर्यटक थे।
फूलों की घाटी का यौवन 15 जून से 15 अगस्त पर अपने चरम पर रहता है। और देशी-विदेशी प्रकृति प्रेमी पर्यटक भी घाटी में इन्ही दो महीनों में आना पंसन्द करते हैं। 15 अगस्त के बाद तो घाटी में खिले फूल धीरे-धीरे मुरझाने लगते हैं। लेकिन इसके वावजूद यहाॅ घाटी मे अभी भी पर्यटको का पंहुचना जारी है।
करीब 87 वर्ग किमी0 मे फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी मे पाॅच सौ से अधिक किस्म के फूलों के साथ ही वेसकीमती जडी-बूटियाॅ भी विद्यमान रहती है। इस बार घाटी मे प्रमुूख रूप से वाइल्ड रोज,साइनेन्थस, प्राइमुला, फिटलेरिया रोउली, एपीलोवियम, व्वाहिट वाइल्ड रोज, प्राइमुला डेन्टीकुलाटा, मे मासस मेरी गोल्ड के अलावा जडी बूटियों मे फरण, सालम पंजा, लहसुन जडी व सेमरू-रेडोडोलियम केम्पालूडम के फूल बहुतायात मे खिले थे। लेकिन समय पर पर्यटक इनका दीदार नही कर सके।
फूलों की घाटी रेंज के रैजं आफीसर बुजमोहन भारती के अनुसार फूलांे की घाटी मे एक अगस्त से अब तक 530पर्यटक पंहुच चुके है। जिनसे वन विभाग को 70हजार पाॅच सौ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। अब फूलो की घाटी 31अक्टूबर को बंद की जाऐगी। इन दिनों घाटी मे फैली पोलीगोनम घास को उखाडने के लिए विभाग द्वारा दस मजदूरांें को लगाया है।












