
फोटो-इस वर्ष औली मे लगी टैण्ट कालौनी।
02-गत वर्ष औली का शानदार नजारा ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पर्यटकों से गुलजार हुआ औली। लेकिन बर्फ का दीदार करने के लिए पर्यटकांे को गौरसों के जंगलों तक पंहुचने के लिए विवश होना पड रहा है। जोशीमठ-औली के सभी होटल, टैण्ट कालौनी 12 जनवरी तक के लिए फुल हो चुकी हैं। इस बार औली स्लोप व जीएमवीएन कैंपस के आस-पास ही बर्फ नदारत होने से पर्यटक मायूस तो हो रहे हैं, लेकिन घोडे-खच्चरांे की सवारी कर गौरसंों के जंगलों तक पंहुंचकर बर्फ का दीदार कर रहे हैं।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र अब पूरी तरह से विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान बनाने मे सफल हो गई
है, शीतकालीन पर्यटकांे को विगत वर्षों से लगातार बढने का सिलसिला लगातार जारी है। पर्यटकों की बढती संख्या को देखते हुए जोशीमठ-औली व टीबी टावर बैण्ड से परसारी तक कई होटल व रिसोर्ट तथा टैण्ट कालौनियां शुरू हुई हैं। जिन्हें लगातार बुकिंग मिल रही है। औली में तो क्या जीएमवीएन व प्राइवेट होटल सभी एकदम पैक हंै। 24दिसबर से 12जनवरी तक के लिए फुल बुकिंग चल रही है। इसके अलावा जोशीमठ व आस-पास के क्षेत्रों के होटलों मे निवासरत पर्यटक भी रोप-वे तथा वाहनो से औली पंहुचकर पूरे दिन औली की वादियों मे छुटिटयांे का आनंन्द ले रहे हैं।
औली की विश्व स्तरीय स्कीइंग स्लोप से लेकर दस नंबर टावर व गौरसों के जंगलों तक जहाॅ भी नजर पडती है पर्यटक ही पर्यटक दिख रहे है। यदि समय पर बर्फबारी हो जाती तो औली का नजारा ही कुछ और होता। गत वर्ष औली मे 12 व 13दिसबंर को जर्बदस्त हिमपात हुआ था जो 25दिसबंर तक भी खूब जमा रहा। इस कारण 25दिसबंर को औली पंहुचकर यादगार बनाने वाले पर्यटकों के लिए गत वर्ष की 25दिसबंर सुकुन भरी रही। लेकिन इस बार हाॅलाकि 12/12दिसबर को हिमपात हुआ जो मामूली था, और उसके बाद लगातार कडाके की धूप ने पूरी बर्फ को पिघला कर रख दिया, जिसके कारण पर्यटको को बर्फ का दीदार करने के लिए दस नबंर रोप-वे टावर से ऊपर की ओर गौरसों के जंगलों मे विचरण करने के लिए विवश होना पड रहा है।
सैफ विंटर गेम्स के बाद औली के विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान बना लेने के बाद से ही औली मे पर्यटको की संख्या मे आशातीत बृद्धि शुरू हुई जो साल दर साल बढती ही जा रही है। पर्यटको की बढती संख्या को देखते हुए स्थानीय युवा भी पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार का अवसर ढूॅड रहे है। जोशीमठ से औली मोटर मार्ग पर स्थानीय युवा अपनी भूमि पर छोटे-छोटे हटस व टैण्ट कालौनी बनाकर रोजगार शुरू कर रह है। औली पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार पाने का एक अवसर लेकर आया है जिसका स्थानीय युवा भी भरपूर लाभ उठाने की कोशिस कर रहे है। हाॅलाकि पिछले दिनो कुछ युवावों को प्रशासन का कोपभाजन भी होना पडा, और उनके ढाबो मे ढहा दिया गया।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली ने जिस प्रकार लंबे अंतराल के बाद शीतकालीन पर्यटन केन्द्र के रूप मे अपनी पहचान विश्वभर मे बनाई है, निश्चित ही आने वाले वर्षो मे यहाॅ बेहताशा पर्यटको का हुजुम उमड पडेगा, और स्थानीय बेराजगार युवा भी चाहेगे कि उनको औली के माध्यम से रोजगार के अवसर दिए जाए। अब शासन/प्रशासन मे पर्यटन महकमो को चाहिए कि औली के विकास के लिए अपनी उपजाऊ भूमि गॅवा चुके लोगो के साथ स्थानीय युवावों को प्राथमिकता के आधार पर औली व आस-पास के क्षेत्रों मे स्वरोजगार के लिए अवसर दिए जाएं।












