

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
एक बार फिर से मध्य पिंडर रेंज थराली के जंगलों बेमौसमी दवानल के कारण धूं-धूं कर जलने लगे हैं। जिससे लाखों रुपयों की वन संपदा को तो भारी नुकसान पहुंच ही रहा है। इसके अलावा बेमौसमी दवानल से उठने वाले गहरे घूंएं के कारण पूरे वातावरण में गहरी धुंध छा गई है। जिससे स्वांस सहित अन्य बिमारियों से ग्रस्त लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद भी दवानल पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। दवाग्नि एक के बाद एक जंगलों को अपनी चपेट में लेती जा रही है।
मध्य पिंडर रेंज थराली के अंतर्गत ग्वालदम, देवसारी, थराली, भैसखान, राड़ीबगड़ सहित कई अन्य जंगल पिछले 4 दिनों से सुलग रहे हैं। अब तक इस रेंज के अंतर्गत एक दर्जन से अधिक चीड़ सहित अन्य वनस्पतियों के जंगल बे मौसमी आग की भेंट चढ़ चुके हैं। जिससे लाखों रुपयों की वन संपदा खाक हो गई हैं। जंगलों बे बढ़ रही दवानल के कारण पूरी पिंडर घाटी के वातावरण में गहरी धुंध छाई हुई है। जिसके कारण स्वांस सहित अन्य बिमारियों से ग्रस्त लोगों के साथ ही आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वातावरण में इस कदर धुंध छाई हुई हैं कि 100 मीटर से अधिक की दुरी पर कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है।वन विभाग लगातार जंगलों में फैल रही दवानल को नियंत्रित करने के प्रयासों में तो जुटा हुआ हैं, किंतु दवानल सूखे के कारण नियंत्रित नही हो पा रही हैं। बताया जा रहा हैं कि।ग्वालदम से देवसारी के मध्य के जंगल जोकि मिश्रित वन क्षेत्र हैं, में सर्वाधिक दवानल फैली हुई हैं। शीत ऋतु में अब तक अपेक्षित बारिश ना होने के कारण सूखे की सी स्थिति में जंगलों में दवानल की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
इस संबंध में पूछे जाने पर मध्य पिंडर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक सिंह बिष्ट ने बताया कि ग्वालदम.देवसारी के जंगलों में दवाग्नि अधिक फैली हुई हैं। जिससे बुझाने के लिए थराली वन रेंज के साथ ही पूर्वी पिंडर रेंज देवाल के वन अधिकारीयों के साथ ही कर्मचारियों को भी लगाया गया हैं। जल्द ही इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। कहां कि बे मौसमी इस दवानल से वनस्पतियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों जंगलों में जो आग लग रही है।उसका कारण जंगलों के आसपास बसें कुछ ग्रामीणों के द्वारा अपने निजी लाभ के लिए लगाई जा रही हैं।जिस का पता लगा कर ऐसे लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी सभी फील्ड कर्मियों को अराजक तत्वों का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकें।