देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में श्री जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्यप्रणाली पर हमला करते हुए उसे भाजपा को शर्मसार करने वाली बताया है, साथ ही भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से आग्रह किया है कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लिया जाए और त्रिवेंद्र सिंह रावत को पदमुक्त कर मामले की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है।
श्री जोशी का यह पत्र आज सोशल मीडिया में खूब वायरल होता रहा। इस वायरल पत्र को कई लोग भाजपा के अंदर एक और लेटर बम की संज्ञा दे रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी ने 11 नवंबर को उत्तराखंड समाचार के लाइव कार्यक्रम में ‘‘उत्तराखंड के सुलगते सवालों’’ पर चर्चा की थी। उन्होंने दो टूक शब्दों में अपनी बात रखी। अपने समेत पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर वह बहुत खिन्न दिखे। उन्होंने इस दौरान सरकार की कार्यप्रणाली, साधनविहीन राज्य में दो राजधानियां बनाने और अधिकारियों पर सरकार का नियंत्रण न होने पर निराशा जताई।
11 नवंबर को ही प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने विहार चुनाव में एनडीए की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। उत्तराखंड के हालातों पर चिंता जताते हुए इस ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार को राज्य में तीन साल हो चुके हैं। इन तीन सालों में मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई विवादास्पद निर्णय लिए हैं, जिससे भाजपा को बार-बार शर्मसार होना पड़ा है। हाल ही में नैनीताल हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश पारित किए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है।
उन्होंने कहा है कि काले धन के खिलाफ आपकी सरकार ने कई काम किए हैं, जिनमें नोटबंदी भी शामिल है, जिसका देश की जनता ने समर्थन किया है। मुख्यमंत्री पर सीधे हमला करते हुए श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता हतप्रभ है कि इसी दौरान झारखंड में पार्टी प्रभारी होने के कारण उन्होंने अपने करीबियों के खातों में कालाधन जमा करवाया था। नैनीताल हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के इस मामले की सीबीआई जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस कारण उत्तराखंड में पार्टी की छवि दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। समय रहते पार्टी नेतृत्व को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अंत में उन्होंने पत्र में कहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पदमुक्त कर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।










