देहरादून। कचहरी स्थित शहीद स्मारक को स्मार्ट कचहरी बनाने के लिए वहां से हटाने को लेकर बड़ा गतिरोध बना हुआ है। आंदोलनकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे शहीद स्थल को वहां से हटाने के पक्ष में कतई नहीं हैं, उक्रांद ने शहीद स्मारक को हटाने की खिलाफत करते हुए राज्यापाल को ज्ञापन भेजा है, जबकि प्रशासन स्मारक को हटाने पर तुला हुआ है। इस बीच सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की तरफ से एक बयान आया है, जिसमें स्मारक को आंदोलनकारियों की सहमति के बिना न हटाने की बात कही है।
उत्तराखंड क्रान्ति दल द्वारा राज्य के शहीदों के बने स्मारकों को जिला प्रशासन देहरादून द्वारा ध्वस्त करने के निर्णय और ध्वस्तीकरण को लेकर दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में जिला प्रशासन देहरादून के नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन सौंपते हुये श्री भट्ट जी ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि जिला प्रशासन देहरादून द्वारा पहले ऋषिकेश स्तिथ शहीद स्मारक का ध्वस्तीकरण किये जाने का स्पष्ट प्रतीत होता है कि हमारे शहीदों का अपमान किया है। जो कि राज्य की जनभावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देहरादून जिला प्रशासन जिसके सी० ई ० ओ० भी है कचहरी परिसर देहरादून स्तिथ शहीद स्मारक को तोड़ने की मंशा पुनः हमारे शहीदों का तथा जनभावना के साथ क्षैत्रीय विचारों को नष्ट करना चाहते है। ये सब राज्य सरकार के इशारे पर किया जा रहा है।
कचहरी परिसर शहीद स्मारक 9 अगस्त 1994 में राज्य आंदोलन की बुनियाद स्थल उक्रांद नेताओ की भूख हड़ताल से शुरू हुआ था।जिसमे उक्रांद नेता श्रीमति सुशीला बलूनीएगोविंद राम ध्यानी और रामपाल सिंह ने पौडी भूख हड़ताल के बाद दूसरी भूख हड़ताल की शुरुआत करके बिगुल बजाया था। आज शहीद स्मारक को ध्वस्त करने की मंशा को कतई बर्दाश्त उक्रांद नही करेगा।इस अवसर पर बी०डी०रतूड़ी, त्रिवेंद्र सिंह पंवार, लताफत हुसैन, ए०पी०जुयाल, सुनील ध्यानी, बहादुर सिंह रावत, महेंद्र रावत, रेखा मिंया, प्रताप कुँवर, धर्मेंद्र कठैत, राजेश्वरी, समीर मुंडेपी, प्रमिला रावत, राजेन्द्र बिष्ट, ऋषि राणा, हेमंत नेगी, किरन रावत कश्यप, मीनाक्षी सिंह, सीमा रावत, कमल कांत, मेहर राणा आदि थे।
शहीद स्थल स्थान पर आंदोलनकारी संगठनों की इच्छा व सहमति के आधार पर ही निर्णयः भाजपा
देहरादून । भारतीय जनता पार्टी के लिए राज्य आंदोलन के शहीद व आंदोलनकारी वंदनीय है और कचहरी स्थित शहीद स्थल को लेकर निर्णय आंदोलनकारी संगठनों की सहमति व भावनाओं के अनुरूप ही लिया जाएगा।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना को लेकर अपने प्राण देने वाले शहीदों और अन्य सभी आंदोलनकारी हमारे लिए वंदनीय हैं । भाजपा कार्यकर्त्ता स्वयं आंदोलन कारी रहे हैं। प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए ही तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया ।आज भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशी धर भगत व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में संगठन व सरकार आंदोलन के शहीदों व आंदोलनकारियों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि जहां तक देहरादून में स्मार्ट सिटी योजना के चलते कचहरी स्थित शहीद स्थल को किसी अन्य बड़े स्थान पर ले जाने व वहाँ भव्य तथा सुविधायुक्त नया स्थल बनाने के प्रस्ताव का सवाल है तो कोई भी कार्य बिना आंदोलनकारी संगठनों की सहमति के बिना नहीं किया जाएगा। इस बारे में प्रशासन व शासन स्तर पर आंदोलनकारी संगठनों से बात की जा रही है। उन्हें प्रस्ताव के बारे में भी बताया जा रहा है। लेकिन यह तय है कि जो भी निर्णय होगा वह आंदोलनकारी संगठनों की इच्छा व सहमति के अनुरूप होगा। क्योंकि आंदोलनकारियों की इच्छा ही भाजपा सरकार व संगठन की इच्छा है ।