• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

सुमित्रानंदन पंत करते मधु के वन में गुंजन

28/12/20
in अल्मोड़ा, उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
389
SHARES
486
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखण्ड में कुमायूँ की पहाड़ियों पर बसे कौसानी गांव मेंए जहाँ उनका बचपन बीता था, वहां का उनका घर आज सुमित्रा नंदन पंत साहित्यिक वीथिका नामक संग्रहालय बन चुका है। इस में उनके कपड़े, चश्मा, कलम आदि व्यक्तिगत वस्तुएं सुरक्षित रखी गई हैं। संग्रहालय में उनको मिले ज्ञानपीठ पुरस्कार का प्रशस्तिपत्र, हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा मिला साहित्य वाचस्पति का प्रशस्तिपत्र भी मौजूद है। साथ ही उनकी रचनाएं लोकायतनए आस्था आदि कविता संग्रह की पांडुलिपियां भी सुरक्षित रखी हैं। कालाकांकर के कुंवर सुरेश सिंह और हरिवंश राय बच्चन से किये गये उनके पत्र व्यवहार की प्रतिलिपियां भी यहां मौजूद हैं।संग्रहालय में उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष पंत व्याख्यान माला का आयोजन होता है। यहाँ से सुमित्रानंदन पंत व्यक्तित्व और कृतित्व नामक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है।
उनके नाम पर इलाहाबाद शहर में स्थित हाथी पार्क का नाम सुमित्रानंदन पंत बाल उद्यान कर दिया गया है। हिन्दी भाषा के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महान हिन्दी कवि पंत की प्रारंभिक शिक्षा कौसानी गांव के एक स्कूल में हुई। उसके बाद वह वाराणसी आ गए और जयनारायण हाई स्कूल से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। सुमित्रानंदन पंत ने म्योर सेंट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया लेकिन इंटरमीडिएट की परीक्षा से पहले ही 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। असहयोग आन्दोलन के समय महात्मा गांधी के सम्मुख शिक्षा.संस्थान छोड़ने की प्रतिज्ञा करने के कारण फिर पंत ने विधिवत शिक्षा ग्रहण नहीं की, लेकिन साहित्य की ओर उनका रुझान लगातार रहा। उन्होंने अनेक विषयों का और विशेषकर साहित्य का गम्भीर अध्ययन किया। सुमित्रानंदन पंत आधुनिक हिन्दी साहित्य के एक युग प्रवर्तक कवि हैं, जिन्होंने भाषा को निखार और संस्कार देने के अलावा उसके प्रभाव को भी सामने लाने का प्रयत्न किया। उन्होंने भाषा से जुड़े नवीन विचारों के प्रति भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
सुमित्रानंदन पंत को मुख्यतः प्रकृति का कवि माना जाने लगा, लेकिन वास्तव में वह मानव.सौंदर्य और आध्यात्मिक चेतना के भी कुशल कवि थे। अपनी रचनाओं में उन्होंने किसी आध्यात्मिक या दार्शनिक सत्य को स्थान ना देकर व्यापक मानवीय सांस्कृतिक तत्त्व को अभिव्यक्ति देने की कोशिश की। महात्मा गांधी, कार्ल मार्क्स और अनेक विकासवादी.आशावादी दार्शनिकों से प्रभावित और प्रेरित सुमित्रानंदन पंत एक सर्वसमन्वयवादी, लोक.पक्षधर दृष्टि रखते थे। कहा जाता है कि अपने समकालीन हिन्दी कवियों की तुलना में पंत अधिक पंथ निरपेक्ष थे। वीणा 1919, ग्रंथि 1920, पल्लव 1926, गुंजन 1932, युगांत 1937, युगवाणी 1938, ग्राम्या 1940, स्वर्णकिरण 1947, स्वर्णधूलि 1947, युगांतर 1948, उत्तरा 1949, युगपथ 1949, चिदंबरा 1958, कला और बूढ़ा चांद 1959, लोकायतन 1964, गीतहंस 1969, महात्मा गांधी के प्रभाव में आकर वह पूरी तरह गांधीवादी हो गए थे।
पंत जी ने गांधी की अगुवाई में चले असहयोग आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया और इसका खामियाजा भी भुगता। हालात यहां तक आ गए कि उन्हें अल्मोड़ा की अपनी जायदाद बेचनी पड़ी। आर्थिक बदहाली के चलते उनकी शादी नहीं हुई। ताउम्र अविवाहित रहे। नारी उनके समूचे काव्य में विविध रूपों मां पत्नी प्रेमिका और सखी मैं मौजूद है। नारीत्व उनके वजूद.व्यवहार का स्थायी हिस्सा था। महाकवि सुमित्रानंदन पन्त का महाकाव्य लोकायतन उनकी विचारधारा और लोक.जीवन के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है। इस रचना के लिए पंत को सोवियत रूस तथा उत्तर.प्रदेश सरकार से पुरस्कार भी मिला था। सुमित्रानंदन पंत को पद्म भूषण 1961 और ज्ञानपीठ पुरस्कार 1968 से सम्मानित किया गया। अपनी रचना बूढ़ा चांद के लिए सुमित्रानंदन को साहित्य अकादमी पुरस्कार, लोकायतन पर सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार और चिदंबरा पर इन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। 28 दिसम्बर, 1977 को इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में सुमित्रानंदन पंत का देहांत हो गया। उनकी मृत्यु के पश्चात उत्तराखंड राज्य के कौसानी में महाकवि की जन्म स्थली को सरकारी तौर पर अधिग्रहीत कर उनके नाम पर एक राजकीय संग्रहालय बनाया गया है।
छायावादी स्तंभ कवि सुमित्रानंदन पंत सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख हस्ताक्षरों में से सिरमौर थे। सौंदर्य के अप्रतीम कवि। प्रकृति उनके विशाल शब्द.संसार की आत्मा है एक, भारत में जब टेलीविजन प्रसारण शुरू हुआ तो उसका भारतीय नामकरण दूरदर्शन पंत जी ने किया था। दूसरा, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का नामकरण भी उन्होंने किया था। हरिवंश राय बच्चन उनके सबसे करीबी और अच्छे दोस्तों में शुमार थे। अमिताभ आज भी सुमित्रानंदन पंत को पिता तुल्य मानते हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि पंत की एक.एक काव्य पंक्ति उन्होंने पढ़ी है और कभी.कभी वह उन्हें अपने पिता बच्चन जी से बड़े कवि लगते हैं। 28 दिसंबर, 1977 को घातक दिल के दौरे से हुआ। तब अंग्रेजी.हिंदी के तमाम बड़े अखबारों ने उनके अवसान पर संपादकीय लिखे थे। डॉ हरिवंश राय बच्चन का कथन था कि सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु से छायावाद के एक युग का अंत हो गया है। 2015 को उनकी पुण्यतिथि उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप ष्स्मारक डाक टिकटष्जारी किया था।

Share156SendTweet97
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

उक्रांद ने लगाया राजमार्ग निर्माण में धांधली का आरोप

Next Post

जिलाधिकारी ने की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण की समीक्षा

Related Posts

उत्तराखंड

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025
7
उत्तराखंड

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
5
उत्तराखंड

जियो थर्मल पॉलिसी बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य: डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम

November 17, 2025
7
उत्तराखंड

उत्तराखंड पहाड़ों के लिए अब आर्थिक और राजनीतिक संकट

November 17, 2025
6
उत्तराखंड

प्रख्यात चिकित्सक डाँ सुदर्शन सिंह भण्डारी के आकस्मिक निधन से पैनखंडा जोशीमठ एवं दसोली क्षेत्र शोक की लहर

November 17, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद किया

November 16, 2025
13

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67506 shares
    Share 27002 Tweet 16877
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45757 shares
    Share 18303 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38034 shares
    Share 15214 Tweet 9509
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.