थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लाॅकडाउन के दौरान सील की गई अंग्रेजी शराब की दुकानों से शराब गायब करने पर आबकारी विभाग ने पिंडर घाटी के ग्वालदम एवं नारायणबगड़ के अनुज्ञापियों पर एक-एक लाख रुपए जुर्माना लगातें हुए तत्काल जुर्माना जमा करने की सर्त पर अनलाॅक के तहत 11 जून को दोनों दुकानों को खोलने की ससर्त इजाजत दे दी है।
दरसअल कोरोना संक्रमण का प्रकोप कुछ कम होने के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के तहत करीब एक बाद 9 जून को एक दिन के लिए राज्य भर में अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत के बावजूद भी लाॅकडाउन के दिनों में सील की गई अंग्रेजी शराब की दुकानों से स्टाक में भारी गड़बड़ी करने के आरोप में पिंडर घाटी की ग्वालदम एवं नारायणबगड़ की अंग्रेजी शराब की दुकानों को खोलने की आबकारी विभाग ने इजाजत नही दी।अब जांच पूरी होने एवं दोनों ही दुकानों पर आर्थिक जुर्माना लगाने की बात कहते हुए आनलाॅक के तहत 11 जून को दोनों दुकानों को खोलने की लाॅकडाउन के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले शराब कारोबारियों पर की गई कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर जिला आबकारी अधिकारी दीपाली शाह ने बताया कि दोनों दुकानों के लाइसेंस एक दिन के लिए निलंबित करने के साथ ही दोनों के लाइसेंसियों पर आर्थिक जुर्माना के तहत 1-1 लाख रुपए का चालान काटा गया है, जिसे तत्काल जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि कर्णप्रयाग क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक रविंद्र डिमरी ने बताया कि ग्वालदम दुकान के अनुज्ञापी पर 1 लाख एवं नारायणबगड़ के अनुज्ञापी पर 85 हजार रूपए का जुर्माना काट कर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया कि 11 जून को दोनों दुकानों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अभी उन्हें शराब का नया स्टांक शराब के गोदाम से जारी नहीं किया गया है। शुक्रवार को एक माह से अधिक समय बाद खुल रही दुकानों से शराब व्यवसाई क्या बेचेंगे। इस संबंध में डिमरी का कहना था कि जो भी शराब दुकानों पर बची होगी, वही शराब, बियर दुकानदार बेचेंगे, जुर्माना जमा करने पर ही नया स्टाक उन्हें जारी किया जाएगा। जबकि जिले के अन्य दुकानों को नया स्टाक उपलब्ध करवा दिया गया है।
अनलाॅक के तहत दोनों दुकानों को 11 जून को भले ही आबकारी विभाग ने इजाजत दे दी हों परन्तु इन दोनों क्षेत्रों के शराब के शौकिनों को शराब मिल भी पाएगी, इस पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। क्योंकि लाॅकडाउन के दौरान भारी मात्रा में शराब की अवैध बिक्री करने के बाद इन दुकानों में स्टाक काफी कम होना बताया जा रहा है। इसके अलावा आबकारी विभाग द्वारा भी इनको नया स्टाक जारी नहीं किया जाना भी कारण बन सकता है।










