अल्मोड़ा जनपद के विभिन्न ब्लॉक में 19 माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं, जिसमें सल्ट में एक, द्बराहाट में 2, साल स्याल्दे में 5, भिकियासैंण में दो, अल्मोड़ा में पांच, लंमगड़ा में एक कंटेनमेंट माइक्रो जोन बनाए गए हैं। 4 गांव में से माइक्रो जॉन हटा दिया गया है।
गांव में इन दिनों बड़ी संख्या में लोग सर्दी जुखाम बुखार से पीड़ित हैं, जिसमे कई उनके कई स्थानों में जांच के बाद बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित आने के बाद कुछ गांव को माइक्रो कंटोनमेंट जोन भी घोषित कर दिया गया है और संक्रमित लोग होम आइसोलेशन में हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अधिकांश लोगों के पास एक या दो कमरों का मकान होता है, वही एक ही शौचालय होने से संक्रमण फैलने का खतरा पैदा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य वह राजस्व कर्मी की कमी के कारण होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित की सही ढंग से नियमित निगरानी ना होने से ग्रामीण इस महामारी को अब भी हल्के में ले रहे हैं। यह भविष्य के लिए खतरा बना हुआ है।
गांव के महानगरों से प्रवासियों के पहुंचने के साथ ही शादी ब्याह हो रहे हैं। सैकडो लोग एक साथ सामूहिक रूप से भोज में शामिल हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है जिला प्रशासन इन गांवों में बुखार से पीड़ित लोगों की जांच की गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में इतनी लापरवाही बरती जा रही है कि वे गांव में एक दूसरे के साथ उठ बैठ रहे हैं। वहीं साथ.साथ खाना पीना व नशाखोरी भी कर रहे हैं। जिससे ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर जांच का दायरा बढ़ाए तथा जो लोग जांच से बचने का प्रयास कर रहे हैं, उनकी जांच करने के साथ ही गांव में बंद पड़े स्कूल पंचायत घरों का उपयोग वारंटी सेंटर के रूप में किया जाए जाने हेतु प्रभावी कदम उठाए। साथी ग्रामीण इलाकों में ऐसे लोगों की निगरानी समितियों का गठन करें अन्यथा क्षेत्रों में फैले इस महामारी को रोकना मुश्किल होगा।












