फोटो- रैणी मे अवरूद्ध मार्ग से आवाजाही हुई शुरू।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
चिपकों की धरती रैणी मे मे बीती 14 जून को सडक अवरूद्ध होने से नीती घाटी व भारत-चीन सीमा का सडक संपर्क कट गया था। बीआरओ ने जिस स्थान पर सडक अवरूद्ध हुई थी, उस स्थान पर नई सडक का एलाइमेन्ट कर सडक को तैयार किया। हाॅलाकि बीआरओ के लिए यह काम मात्र दो से तीन दिन तक ही था लेकिन रैणी गाॅव के ग्रामीण नई सडक की कटिंग के लिए राजी नही ं हुएं। शासन व प्रशासन के स्तर से लगातार वार्ताओ के बाद बदरीनाथ् के विधायक भी मौके पर पंहुचे। और मुख्य मंत्री की ओर से उन्होने ग्रामीणों को विस्थापन की ब्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया।
इसके बाद सडक अवरूद्ध होने के छठें दिन नई एलाइमेन्ट से सडक कटिंग का कार्य शुरू किया गया।
भारी वारीश के बीच 20जून को नए एलाइमेन्ट से सडक का कार्य शुरू करने के बाद बीआरओ ने बृहस्पतिवार को छोटे व बडे वाहनो के लिए मार्ग तैयार कर लिया हैं। मार्ग तैयार होने के बाद नीती घाटी के दर्जनो ग्राम सभाओं के ग्रामीणों के साथ ही भारत-तिब्बत सीमा की अग्रिम चैकियों तक रशद व अन्य सामग्रियों को पंहुचाने की सुविधा मुहैया हो गई हैं।
इसी के साथ ऋषि गंगा के तेज ऊफान के कारण रैणी मे भारत-तिब्बत सीमा को जोडने वाले एक मात्र मोटर पुल को भी अब बचा लिया गया है।
गौरतलब है कि बीती 13जून को ऋषिं गंगा के ऊफान के कारण रैणी वैली ब्रिज के ऐबेडमेन्ट का निचला हिस्सा खिसकने के कगार पर था। तब बीआरओ न रात्रि को कार्य शुरू कर पुल के एबेडमेन्ट को बचाने की कार्यवाही शुरू की और रैणी सडक को खोलने के साथ ही रैणी ब्रिज को भी बचा लिया। बहरहाल रैणी मे सडक का नया एलाइमेन्ट व ब्रिज को बचा लिए जाने के बाद सीमान्त वासियों ने राहत की साॅस ली है।