हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। विकास खंड देवाल के अंतर्गत सुदूरवर्ती खेता गांव के ड़ाडन तोक में जंगल में पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से मृत व्यक्ति का गांव में ही पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया हैं।
शनिवार को ड़ाडन निवासी 52 वर्षीय महेंद्र सिंह गड़िया पुत्र आलम सिंह गड़िया गांव के पास के जंगल में हांके गयें गायों एवं बैलों लेने गया था।जब देर सांय तक वह घर नही पहुंचा तो परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से उसकी खोजबीन करना शुरू किया। तों देर रात करीब तीन बजे वह जंगल में लहुलुहान पड़ा मिला। जिस पर ग्रामीण उसे उठा कर घर ले आए और घटना की सूचना पुलिस को दी। थराली थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि देवाल -सुयालकोट-खेता मोटर सड़क कई स्थानों पर अवरूद्ध पड़ा हुआ हैं। जिस कर तमाम प्रयासों के बाद भी शव को देवाल लाना काफी कठिन हो गया था। जिस पर प्रशासन ने चिकित्सकों की एक टीम गठित की उधर देवाल पुलिस चौकी प्रभारी सत्येंद्र सिंह बुटोला एवं एसआई भगवान सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम गांव ड़ाडन पहुंची और शव का पंचनामा भरा, जबकि चिकित्सीय टीम ने शव का पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया।
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थराली। शनिवार की देर सांय से शुरू हुई बारिश रविवार को कुछ घंटों के दौरान बंद होने के बाद रविवार की सायं से शुरू हुई बारिश करीब 24 घंटों से अधिक समय से लगातार जारी हैं। लगातार बारिश के कारण पिंडर घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गया हैं।
पिछले 24 घंटों से जारी बारिश के कारण क्षेत्र के तमाम गांवों में भूस्खलन होने के कारण कई आवासीय मकानों, गौशालाओं को भारी खतरा उत्पन्न हो गया हैं। बारिश के कारण पिंडर नदी,कैल नदी सहित सभी गद्देरों, बरसाती नालों में जलस्तर बढ़ गये हैं। विपरीत मौसम का प्रभाव यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा हैं। जहां सिमरी -ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह, जगह पर मलबा आने आने के कारण बीआरओ को पूरे दिन मशक्कत करनी पड़ी, वही लोनिवि,पीएजीएसवाई व एनपीसीसी की कई मोटर सड़कें यातायात के लिए बंद पड़ी हुई हैं। लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जेके टम्टा ने बताया कि थराली -देवाल-वांण राजमार्ग किमी 1 थराली से 5 चेपड़ो तक सोमवार को पूरे दिन खुलता और बंद होता रहा। यह मार्ग देवाल के ल्वाणी किमी 24 में भूस्खलन के कारण बंद पड़ा हुआ हैं। राजमार्ग ग्वालदम-नंदकेशरी मोटर सड़क भी खुलती एवं बंद होती रही। देवाल -सुयालकोट-खेता मोटर सड़क किमी 16 भूस्खलन जोन सुयालकोट में बंद पड़ा हैं। यहां पर पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिरने के कारण मशीनें काम नही कर पा रही हैं।उधर भूस्खलन के कारण कई गांवों के पैदल रस्तों के क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों की सामान्य आवाजाही पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं। कई गांवों में पानी के स्रोतों,गद्देरों में पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी की आपूर्ति ठप होने के समाचार मिल रहें हैं।