रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
गैरसैण। उत्तराखंड राज्य की घोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का सत्र आयोजित न करने को पहाड़ के साथ धोखा बताते हुए आंदोलिनकारियों ने गैरसैंण में मशाल जुलूस निकाला। गैरसैण राजधानी अभियान से जुड़े सदस्यों ने सरकार का विरोध जताते हुए कहा कि जल्द से जल्द गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने तथा ग्रीष्मकालीन राजधानी से सरकार का संचालन करने की माँग कर सुविधाएँ जुटाने के लिए सरकार को चेताया।

आपको बता दे कि सोमबार की शाम आंदोलनकारियों ने गैरसैंण बाज़ार में मशाल जुलूस निकाला, साथ ही जनगीतों एवं ज़ोरदार नारेबाज़ी के साथ सरकार का विरोध जताया। उसके बाद गैरसैंण चौराहे पर एकत्रित होकर अभियान के संरक्षक रघुवीर बिष्ट ने आंदोलनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तमाम शहादतों के बाद पहाड़ी राज्य मिला है, लेकिन पहाड़ों का विकास होने के बजाय लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और युवाओं को राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही राजधानी के आंदोलन को लड़ने की ज़रूरत है। अभियान के युवा संयोजक मदन भण्डारी ने कहा कि राजधानी गैरसैण के बिना पहाड़ों का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कि स्थाई राजधानी गैरसैण नहीं बन जाती है। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी देवसिंह रावत ने कहा कि सरकार जनता को छलना बंद करे।
वहीं उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक हास्य कलाकार कृष्णा बगोट ने व्ंयगात्मक रचना सुनाकर सरकार पर तीखे प्रहार किए। कहा पहाड़ी राज्य की स्थाई राजधानी भी पहाड़ मे ही घोषित होनी चाहिए। जुलूस में विभिन्न ज़िलों के लोगों के साथ साथ स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर रघुवीर बिष्ट, मदन भण्डारी, देवसिंह रावत, कृष्णा बगोट, आंदोलनकारी रविंद्र प्रधान, राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, अनिल रावत, क्षेत्र पंचायत कुनाल मेहरा, नरेंद्र सजवाण, लक्ष्मण खत्री, नंदन सिंह बिष्ट, पुष्कर नेगी, विक्की, सौरभ टोपाल, दिनेश आदि लोग उपस्थित रहे ।












