फोटो- आल वैदर रोड को लेकर धरना 44वें दिवस भी जारी रहा ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। आल वैदर रोड को लेकर धरना/प्रदर्शन लगातार जारी। 44वें दिन भी जुलूस के साथ तहसील प्रांगण पहंुचकर धरना दिया गया।
भू-वैकुंठ धाम बदरीनाथ से महज 44 किमी0 पहले जोशीमठ नगर का उत्तराख्ंाड के इतिहास मे महत्वपूर्ण स्थान है, यह कत्यूरी वंश के राजाओ की राजधानी के रूप मे विख्यात तो रही है, आद्य जगदगुरू शंकराचार्य भगवान ने भी यहाॅ पंहुचकर न केवल ज्योति रूपी ज्ञान के दर्शन किए थे ब्लकि इसी स्थान से देश की एकता व अंखडता को मजबूत करने के लिए देश के चार कोनो मे चार पीठो की स्थापना की थी। और ज्योर्तिमठ-जोशीमठ उत्तर भारत का प्रतिनिधित्व करती है। जोशीमठ नगर कई पर्यटन स्थलो के साथ ही भारत-चीन ब्यापार का मुख्य पडाव रहा है। यही नही सनातन धर्म की पंरपरानुसार सदियों से इसी नृंिसह मंदिर जोशीमठ होते हुए ही यात्रा बदरीनाथ जाती रही है, ऐसा वर्णन धार्मिक ग्रंथ केदारख्ंाड के प्रथम अध्याय के श्लोक संख्या 42,43 व 44 मे उल्लखित भी है।
ऐसे मे भारत सरकार की महत्वपूर्ण चार धाम आॅल वैदर रोड परियोजना से जोशीमठ को यदि अलग-थलग किया जाता है तो इस नगर का अस्तित्व ही समाप्त हो जाऐगा। इस नगर के अस्तित्व को बचाने के लिए ही गठित जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के वैनर तले पिछले 43दिनों से लगातार आंदेालन, धरना व प्रदर्शन चल रहे है।
आंदोलन के 44वें दिन सभासद गौरव नंबूरी, संदीप नौटियाल, सुखदेव विष्ट, मोहन प्रसाद डिमरी,भगवती प्रसाद कपरूवाण , रमेश डिमरी, रोहित परमार, आशीष रावत, देवेन्द्र खनेडा,हरेन्द्र सिह राणा, रजनीश्ज्ञ पंवार, शंकर सिह रावत, रघुबीीर सिह रावत, नितेश चैहान, भगवती प्रसाद नंबूरी, व माधव प्रसाद डिमरी सहित अनेक लोगे धरने पर बैैठै।