सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
आज मुख्यालय रुद्रप्रयाग में आशा कार्यकत्री संगठन की बैठक भारतीय मजदूर संघ के साथ सम्पन्न हुई। बैठक में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की प्रदेश सह संयोजक पूर्व विधायक शैला रानी रावत व रुद्रप्रयाग विधान सभा के विधायक भरत सिंह चौधरी के जन सम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र भण्डारी, विधायक प्रतिनिधि के बतौर उपस्थित रहे।

बैठक में आशा कार्यकत्री संगठन के द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर पूर्व में उनके द्वारा किये गये आन्दोलन के बाद मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य सचिव से हुई सकारात्मक वार्ता के बाद भी कोई शासनदेश अभी तक जारी नहीं हुआ, जिससे सभी आशा कार्यकत्री अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि कोरोना काल में आशा कार्यकत्रियों की सराहनीय सेवा के लिए उन्हें ₹11000 की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी। जिस पर भी अभी तक शासनादेश नहीं हो पाया। आशा संगठन प्रतिनिधियों का कहना था कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में उनके द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य हेतु यद्यपि हर व्यक्ति हर प्रतिनिधि द्वारा प्रशंसा की जाती है परंतु उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई समुचित प्रयास परिलक्षित नहीं हो रहा है।
पूर्व विधायक शैला रानी रावत के द्वारा इन सभी समस्याओं के लिए प्रदेश सरकार से वार्ता कर हल करने की बात कही।उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे आशाओं ने महत्वपूर्ण कार्य किया है । प्रवासियों के आगमन पर उनके द्वारा फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर के रूप में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी गई हैं उनका प्रयास प्रशंसनीय रहा है जिसके लिए उन्हें उचित मंच पर सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सम्मानित किए जाने की नितांत आवश्यकता है। विधायक प्रतिनिधि भूपेंद्र भंडारी द्वारा विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि माननीय विधायक की विधायक निधि से आशाओं को जो भी सर्व सुलभ आर्थिक लाभ होगा उसे अवश्य उससे उन्हें इसी वित्तीय वर्ष में लाभान्वित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधायक निधि से आशाओं के सामाजिक आर्थिक कल्याण के लिए जो भी नियमानुसार होगा उस लाभ से आशाओं को अवश्य लाभान्वित किया जाएगा।संगठन की वक्ताओं द्वारा गहरा रोष व्यक्त करते हुए बताया गया कि प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें वैश्विक महामारी के दौरान कार्य करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया लेकिन उस प्रशस्ति पत्र को बंद लिफाफे में आशा फैसिलिटेटर के माध्यम से उन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया जो कि उन्हें स्वीकार नहीं है। उनका कहना था कि यदि वास्तव में सरकार अथवा जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग उन्हें सम्मानित करने की इच्छा रखता है तो सम्मानजनक रूप से उन्हें खुले समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाना उचित होगा।

इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ जिला कार्यकारिणी के संगठन मंत्री देवेंद्र खत्री भी उपस्थित थे, उनका कहना था कि आशा ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण कड़ी है जो स्वास्थ्य विभाग एवं ग्रामीणों के बीच सेतु का कार्य करती है और इस सेतु को बनाए रखने हेतु उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी सरकार को देनी होगी। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री बुद्धि बल्लभ थपलियाल द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय मजदूर संघ देश का सबसे बड़ा कामगार असंगठित क्षेत्र के कामगारों श्रमिकों का सबसे बड़ा संगठन है जो हमेशा ही श्रमिकों के हित लाभ के लिए शोषण से उनकी मुक्ति के लिए कार्य करता रहा है।
उन्होंने कहा किसी भी श्रमिक एवं कामगार का शोषण किसी भी दशा में स्वीकार नहीं होगा।उनका कहना था कि आशा कार्यकत्रियों ने वैश्विक महामारी के व्यापक संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटाइन सेंटरों में आइसोलेशन सेंटरों में प्रवासियों के हित के लिए उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए हर कार्य किया है। महत्वपूर्ण कार्य किया है जो कि प्रशंसनीय है, सराहनीय है तथा शासन एवं प्रशासन को उनकी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देनी होगी ताकि ग्रामीण भारत का सपना समुचित रूप से प्रभावी हो सके ।
इस कार्यक्रम में आशा संगठन के जिला अध्यक्ष कमला राणा, ब्लाक अध्यक्ष ललिता, देवेश्वरी देवी, रीना नेगी, पुष्पा रावत, गीता देवी, भुवनेश्वरी देवी प्रधान संगठन संगठन के जिला महामंत्री दलीप राणा सहित जनपद भर की सैकड़ों आशा कार्यकत्री उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन भारतीय मजदूर संघ के जिला उपाध्यक्ष किशन रावत द्वारा किया गया ।












