फोटो –औली सडक मार्ग का निरीक्षण करते एसडीएम वैभव गुप्ता व सेना के अधिकारी ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। एसडीएम व सेना के अधिकारियेां ने औली रोड का निरीक्षण किया। सेना क्षेत्र के दो किमी0 एरिया में सडक दुरस्त होने की उम्मीद जगी।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली को जोडने वाली एक मात्र सडक का दो किमी0का हिस्सा सेना के पास है। हाॅलाकि पूर्व मे इस दो किमी0एरिया मे लोनिवि द्वारा भी कार्य किया गया था। लेकिन बाद मे लोनिवि ने इस सडक के दो किमी0 के हिस्से को सेना के सुपुर्द कर दिया था। लेकिन सेना इस सडक के दो किमी0 एरिया मे डामरीकरण ही नही करा सकी। सेना का निर्माण कार्य करने वाली एजेसी एमईएस द्वारा इस सडक के डामरीकरण के लिए निविदाएं आमत्रित भी की। लेकिन कार्य विधिवत शुरू होने मे ही दो वर्ष से अधिक का समय लग गया। अब जबकि डामरीकरण का कार्य भी शुरू हुआ है। ऐसे मे सडक मे लीकेज होने वाली पाइप लाइन व बहते पानी की ब्यवस्था करना भी एक चुनौती बना हुआ था। ऐसे मे सेना ने सिविल प्रशासन के साथ इस दो किमी0 सडक का स्थलीय निरीक्षण कराने का निर्णय लिया।
शुक्रवार को उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता की मौजूदगी मे नौ स्वतंत्र पर्वतीय बिग्रेड ग्रुप के आलाधिकारियों ने सेना के अधीन दो किमी0 का विस्तार से निरीक्षण किया। और पानी के बहाव व लीकेज रोकने की दिशा मे कार्यवाही करने का फैसला लिया गया।
गौरतलब है कि सेना के इस दो किमी0 एरिया मे विगत दो-तीन वर्षो से सडक की स्थिति बेहद खराब थी। जिलाधिकारी व तहसील स्तर से भी इस सडक की मरम्मत के लिए पत्राचार किया गया। यहाॅ तक गत वर्ष केन्दीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के औली प्रवास के कार्यक्रम से पूर्व भी इस सडक को दुरस्त करने की अपेक्षा जिला प्रशासन से सेना से की थी। लेकिन जब सडक की मरम्मत नही हो सकी तो जिला प्रशासन ने लोनिवि से ही रोतो-रात गडडो को भरवाकर सडक आवागमन के लिए तैयार की। लेकिन उसके बाद सडक की वही स्थिति हो गई।
इस वर्ष की शुरूवात मे औली मे आयोजित हुए राष्ट्रीय स्कीइंग चैपियनशिप से पूर्व भी इस सडक को दुरस्त करने का प्रयास किया गया। लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसमे सफलता नही मिल सकी। औली मे स्कीइंग प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए पंहुचे गढवाल आयुक्त वीवीआर पुरूषोत्तम ने भी इस सडक की दशा पर गहरी नाराजगी जताते हुए उक्त दो किमी0 के क्षेत्र को लोनिवि को हस्तांतरित करने की कार्यवाही के सख्त निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए थे। और उस पर कार्यवाही भी गतिमान है।
शुक्रवार को एसडीएम व सेना के अलाधिकारियों की मौजूदगी मे हुए निरीक्षण के बाद उम्मीद की जा रही है कि औली को जोडने वाली इस दो किमी0 सडक के दिन बहुरेगे। और औली पंहुंचने वाले असंख्य पर्यटको व केन्द्रीय विद्यालय जोशीमठ मे पढने वाले छात्र-छात्राओ के अलावा सुनील,व औली मे स्थाई रूप से रहने वाले आईटीबीपी, सेना व स्थानीय समुदाय को इसका लाभ मिल सकेगा।