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01- कार्तिक मास में बदरीनाथ मंदिर को जाने वाले पुल पर तीर्थयात्रियों का सैलाब।
02 — वीडियो
प्रकाश कपरूवाण
बदरीनाथ धाम। बदरीनाथ में कार्तिक मास में जेठ मास जैसा तीर्थयात्रियों का सैलाब, वर्ष 1990 के बाद कार्तिक मास में तीर्थयात्रियों की भीड देखी जा रही है।
भू-वैकुंठ धाम बदरीनाथ मे यूॅ तो इस वर्ष तीर्थयात्रियों का रिकार्ड ही टूट गया है। कपाट बद होने से एक माह पूर्व ही बदरीनाथ पंहुचने वाले तीर्थयात्रियों का आंकडा साढे ग्यारह लाख को पार कर गया है। लेकिन इन दिनो कार्तिक मास मे तीर्थयात्रियों का जो सैलाब उमड रहा है उसे देख बदीनाथ वासी भी हैरत मे है। कार्तिक मास मे गंगा स्नान के साथ पवित्र धार्मिक स्थलो मे पंहुचकर स्नान का अपना महत्व तो है ही, लेकिन कार्तिक स्नान के लिए भी तीर्थयात्रियों का इतनी संख्या मे पंहुचना सबको अंचभिंत कर रहा हैं। यहाॅ इन दिनो प्रतिदिन 6हजार से सात हजार तक श्रद्धालु पंहुच रहे है। कडाके की ठंड मे मंदिर के ंिसहद्वार से लेकर ब्रहमकपाल तक तीर्थयात्रियों की पंक्ति लगी है और यात्री पंक्तिबद्ध होकर भगवान नारायण के दर्शन के साथ ही पिण्ड दान कर रहे है।
इस वर्ष बदरीनाथ एव केदारनाथ दोनो धामो मे रिकार्ड तीर्थयात्री आ चुके है। लेकिन विजयदशमी पर्व पर भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाने का मुहुर्त तय होने के बाद ने केवल तीर्थयात्रियों की संख्या मे कमी आने लगती है ब्लकि बदरीनाथ मे ब्यवसाय कर रहे ब्यवसायी व पंडा समाज के लोग भी धीरे-धीरे अपने गंतब्य की ओर निकलने लगते है। लेकिन इस बार कार्तिक मास लगते ही तीर्थयात्रियों की संख्या मे अचानक बृद्धि होने लगे जो बदस्तूर जारी है।
बदरीनाथ मे निवासरत पंडा समाज के लोग कार्तिक मास मे वर्ष 1990के बाद इतनी भीड देखने की बात कह रहे है, लेकिन बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार वे अपने जीवन मे पहली बार कार्तिक मास मे तीर्थयात्रियों की इतनी संख्या देख रहे है।
धर्माधिकारी श्री उनियाल ने बताया कि कार्तिक मास लगने से पूर्व ही तीर्थयात्रियों का आवागमन बढ गया था जो लगातार बढ रहा है,। भगवान नारायण की पूजाएं-महाभिषेक, अभिषेक के साथ दोपहर व रात्रि की सभी पूजाओ की बुकिंग फुल चल रही है। आचार्य उनियाल के अनुसार सितबर मास मे लामबगड के कारण जो यात्रियों की सख्या मे कमी हो गई थी व कार्तिक मास मे पूरी हो रही है। उन्होने बदरीनाथ पंहुचने वाले सभी तीर्थयात्रियो की सफल तीर्थयात्रा की कामना भगवान नारायण से की।
हाॅलाकि रविबार को मौसम ने करवट भी बदली है लेकिन वावजूद इसके तीर्थयात्रियों के आवागमन पर इसका कोई असर नही दिखा।