प्रकाश कपरूवाण
बदरीनाथ/जोशीमठ। भू बैकुंठ धाम भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। भगवान नारायण से छह माह के लिए विदा होने पर मुख्य पुजारी श्री रावल भावुक हो गए। इस दौरान वहां मौजूद श्रद्धालुओं आंसू छलक गए।
भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के साथ उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। भगवान बदरीविशाल के कपाट तय मुहूर्त पर सायं 5 बजकर 13 मिनट पर पूरे विधि विधान व वैदिक परंपरा के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। कपाट बंद होने के मौके पर भगवन नारायण का श्रृंगार पुष्पों से होता है। न केवल मंदिर के गर्भ गृह को बल्कि पूरे परिसर और सिंहद्वार को रंग विरंगे पुष्पों से सजाया गया था। प्रातः महाभिषेक तथा अन्य पूजाएं भी पुष्पों के श्रृंगार में की गई।
कपाट बंद होने पूर्व बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल ने स्त्री भेष धारण कर परिक्रमा परिसार में लक्ष्मी मंदिर में विराजमान माता लक्ष्मी को भगवान नारायण के संग गर्भ गृह में विराजित किया और गर्भ गृह से उद्धव, कुबेर की मूर्तियों को बाहर नियत स्थान के लिए प्रस्थान कराया। श्री उद्धव का विग्रह रावल निवास तथा भगवान कुबेर का विग्रह बामणी गांव में रखा गया। 18 नवंबर को उद्धव, कुबेर की डोली शंकराचार्य गद्दी के साथ पांडुकेश्वर पहुंचेगी। कपाट बंद होते वक्त मुख्य पुजारी श्री रावल के साथ ही श्रद्धालुओं के भी भगवान से छह माह के लिए बिछुड़ने का दर्द साफ झलक रहा था। श्री रावल के साथ ही वहां मौजूद श्रव्द्धालु बेहद भावुक हो गए।
इस वर्ष बदरीनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ डाले हैं। छह माह में बदरीनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों का आंकड़ा साढ़े बारह लाख के पार पहुंच गया है। बदरी-केदारमंदिर समिति ने इसे बेहद सुखद बताते हुए आने वाले वर्षों में तीर्थयात्रियों को और बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प लिया है।
विश्व के सर्वश्रेष्ठ धाम बदरीनाथ में इस बार देशभर के श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल कहते हैं कि भगवान बदरी केदार के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की संख्ख्या दिनों दिन बढ़ रही है। मंदिर समिति केदारनाथ की तरह बदरीनाथ का भी कायाकल्प करने की सोच रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय की देखरेख में बदरीनाथ का मास्टर प्लान तैयार हो रहा है, जिसे सभी के सहयोग से धरातल पर उतारा जाएगा।
इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, एसपी यशवंत चैहान, गढ़वाल स्काउट के सीओ कर्नल डीएस नेगी, मंदिर समिति के सदस्य ऋषि प्रसाद सती, चंद्रकला ध्यानी आदि मौजूद थे। कपाट बंद करने के दौरान गढ़वाल स्काउट की बैंड धुन से एक भावनात्मक माहौल बना दिया। जिससे लोगों की आंखों में आंसू छलक आए।