डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
बाल दिवस आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है, पूरे देश में यह दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेहरू का पूरा जीवन ही प्रेरणा से भरा रहा। आज बाल दिवस है और इसकी शुभकामनाएं देनी चाहिए।
मैंने बचपन से ही नैनीताल को वक़्त के साथ बदलते हुए देखा है, पर पिछले 3-4 साल से यहाँ जो हो रहा है उसे देखकर दुख और गुस्सा दोनों है। आप शाम को झील के किनारे टहलने को निकल जाइये, बच्चों के झुंड हाथों में गुब्बारे लिए आपको घेर लेंगे। ये मजबूर कर देंगे कि या तो आप गुब्बारा खरीद लें या फिर उन्हें 10 रुपये देकर अपनी जान छुड़ा लें। करीब 20 से 30 बच्चे पूरे नैनीताल में आपको ऐसे मिलेंगे और ये सब नैनीताल के ही निवासी हैं। ज्यादातर से पूछने में हरिनगर तल्लीताल का ही पता बताते हैं। हालात की मजबूरी के कारण बच्चों का काम करना गलत नहीं भी कहा जा सकता हो पर आपको ये जानकर यकीनन गहरा आघात लगेगा कि इन 20-30 बच्चों में से ज्यादातर नशा करके घूमते हैं। इनकी उम्र 6 से 14 साल के आसपास है। लगभग आधी लडकियां हैं।
सबसे आश्चर्य की बात है कि सभी लोकल लोग यह बात अच्छे से जानते हैं कि ये बच्चे नशा करके घूम रहे हैं पर किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ये लोग ये नहीं सोच रहे हैं कि आने वाले कुछ ही समय में ये छोटे नशेड़ी बच्चे ही चोरियां, खून करेंगे और लड़कियां वैश्यावृति और दूसरे गलत काम, इनका सीधा असर समाज पर ही होगा। इस साल जनवरी के महीने में मैंने एक लड़के को नशा बेचते हुए पकड़ा था और नशे की बोतल और कुछ नशे की दवाइयों के साथ पकड़कर तल्लीताल पुलिस को सौप दिया था। पर 2 दिन के बाद फिर उसे उन बच्चों के पीछे जाते हुए देखा था और रोककर पूछा भी था कि तू कैसे छूट गया तो उसका जवाब था कि 2 दिन अंदर रखा मुझे और फिर छोड़ दिया। लड़का आज भी इन बच्चों को नशा बेचता है और शायद कई बार पकड़ा भी जा चुका है और छोड़ा जा चुका है।
ये मासूम बच्चे अपनी आर्थिक मजबूरी के कारण गुब्बारे या गुड़िया के बाल बेच रहे हैं पर केवल एक नशेड़ी लड़के के द्वारा इन्हें जबरदस्ती नशा करवाकर और बाद में नशे का लती बनाकर नशा बेचा जा रहा है। ऐसे खराब माहौल को देखकर कैसे बाल दिवस की शुभकामना दें। बच्चे ही भविष्य के नागरिक हैं इसलिए एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए बच्चों पर ध्यान देना काफी जरूरी होता है। अगर हम बच्चों में शुरू से ही अच्छी चीजों की आदत डालेंगे तो उन्हें आगे अच्छा नागरिक बनने में आसानी होगी। भारत में बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर खास जोर देने की जरुरत है क्योंकि आज के बच्चे ही कल देश को चलाएंगे। राष्ट्र निर्माण के लिए बच्चों का बेहतर चरित्र निर्माण जरूरी है।
बच्चे परिवार में, घर में, समाज में खुशी का कारण होने के साथ ही देश का उज्जवल भविष्य भी होते हैं, हम पूरे जीवन भर माता.पिता, शिक्षकों और अन्य संबंधियों के जीवन में बच्चों की भागीदारी और योगदान को नजअंदाज नहीं कर सकते। बच्चे सभी इंसानों के द्वारा पसंद किए जाते हैं और बिना बच्चों के हम सभी का जीवन बहुत ही नीरस हो जाता है। कहा जाता है कि बच्चे भगवान का आशीर्वाद होते हैं और अपनी सुन्दर आँखों, मासूम गतिविधियों और मुस्कान से हमारे दिल को जीत लेते हैं।












