देहरादून। बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली में किए गए संशोधनों का विरोध किया। इस संशोधन को बीएड टीईटी प्रशिक्षितों को आहत करने वाला करार दिया गयां। संशोधित नियमावली में प्रशिक्षण वर्ष की ज्येष्ठता को आधार नहीं बनाया गया है, जबकि चयन प्रक्रिया में टीईटी की श्रेष्ठता को नियुक्ति का आधार बनाया गया है।
एनसीटीईटी ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में स्पष्ट किया है कि टीईटी मात्र एक पात्रता परीक्षा है। इसे चयन का आधार नहीं बनाया जा सकता है, जो कि न्यायिक सिद्धांतों के विरुद्ध है। राज्य सरकार के इस निर्णय को तानाशाहीपूर्ण बताया गया और परेड ग्राउंड से सचिवालय तक कूंच किया गया। बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ ने शासन के सामने दो मांगें रखी हैं।
प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियमावली में बीएड वर्षवार ज्येष्ठता को सम्मिलित करते हुए संशोधित नियमावली का शासनादेश जारी करें। प्राथमिक विद्यालयों में समस्त रिक्त पदों पर बीएड ज्येष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर विज्ञप्ति जारी की जाए।