देहरादून जिले के जौनसार बावर परगने की जनता के सिर पर सितंबर 2021 में थोपा गया और नक्से पास हेतु मनमानी वसूली की जा रही है। जिस जन विरोधी शासनादेश पर क्षेत्र के पक्ष विपक्ष के नेता भी मौन हैं, जिसका जौनसार बावर क्षेत्र के लोगों में काफी नाराजगी है।
एडवो. गंभीर सिंह चौहान सामाजिक कार्यकर्ता ने उपरोक्त जौनसार बावर जन विरोधी जिला पंचायत के मानचित्र स्वीकृति शासनादेश का विरोध किया और जिलाधिकारी देहरादून को पत्र दिया। जिसकी प्रति महामहिम उत्तराखंड, मुख्य सचिव उत्तराखंड, सचिव पंचायत राज उत्तराखंड, सचिव कार्मिक उत्तराखंड दी गई। तत्काल रूप से उक्त जन विरोधी वसूली शासनादेश को निरस्त नहीं किया तो जन आंदोलन शासन प्रशासन के विरुद्ध किया जाएगा।
उपरोक्त शासनादेश लागू होने के बाद हाल में कुछ क्षेत्र के आये जिनसे एक व्यक्ति से तीन लाख, एक से एक लाख एक से दो लाख वसूले जा रहे हैं। जिसमे इसी प्रकार से आगे सभी लोगो से भारी मात्रा में वसूली होगी, जौनसार बावर में पहले छोटा मोटा निर्माण दो तीन लाख में किया जाता था। अब तो इतना पैसा नक्शे स्वीकृति के ही देने पड़ेंगे तो क्या होगा। लेकिन क्षेत्र ने कोई भी नेता इस जन विरोधी नीति का विरोध नहीं कर रहे, न ही पहले जब एमडीडीए में नक्शे स्वीकृति के लिए झोंका गया तब भी किसी पक्ष विपक्ष के नेताओं ने विरोध नहीं किया। जिसको हमने बड़ी मुश्किल एमडीडीए शासनादेश को खारिज करा कर वसूली से क्षेत्र का पीछा छुड़ाया। अब फिर से जिला पंचायत का शासनादेश थोप दिया। जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। जब तक खारिज नहीं होगा ये जौनसार बावर जनविरोधी शाशनादेश तब तक इसका विरोध जारी रहेगा।












