सुरेश गुंज्याल (प्रधान गुंजी गांव)
गुंजी(पिथौरागढ़)। सीमांत गांव गुंजी के प्रधान सुरेश गुंज्याल ने सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सेना पर गांव की पाइप लाइन तोड़कर चुरा ले जाने, गांव से पत्थर समेत अन्य सामान ले जाने और सैनिकों पर शराब पीकर गांव में भय का वातावरण बनाने के आरोप प्रधान ने लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंन जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का पत्र लिखकर सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई है।
सेना जिसका पहला कार्य अपने नागरिकों की सुरक्षा होता है, उस पर प्रधान के इस तरह के गंभीर आरोप बड़े सवाल खड़े करते हंै। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में प्रधान सुरेश गुंज्याल ने कहा है कि गुंजी गांव के लिए 30 लाख रुपये की लागत से हाल में 8 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई गई थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि सेना ने इस पाइप लाइन को उखाड़ दिया और पाइप ले गए। गांव में ग्रामीणों द्वारा एकत्र किए गए पत्थरों को भी सैनिक उठा ले गए। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि शाम को सैनिक शराब के नशे में गांव में घुसते हैं, जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने पिछले दिनों गांव के काटे गए देवदार के जंगल में ठेकेदारों के अलावा सेना पर भी पेड़ काटने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा है कि इन हालात में गांव में पेयजल संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस अव्यवस्था से निजाद नहीं दिलाई गई, प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो ग्रामीण इसके खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कुछ रेजिमेंट के नाम का भी उल्लेख किया है, साथ ही दावा किया है कि सैनिकों की गांव में डराने वाली गतिविधियों के उनके पास वीडियो साक्ष्य भी हैं।
उन्होंने कहा कि इतने सालों से आईटीबीपी, एसएसबी और ग्रेफ के लोग गुंजी गांव रहते हैं और हमेशा ग्रामीणों के साथ और सहयोग से काम करते हैं। हमेशा ग्रामीणों की सुरक्षा में तत्पर रहते हैं। गुंजी गांववासी देश के प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका से भी अच्छी तरह से परिचित हैं और अपनी जिम्मेदारी का हमेशा निर्वहन करते रहे हैं, लेकिन सेना के आने के बाद यहां का माहौल खराब हो गया है। यह किसी के भी हित में नहीं है।