फोटो- बदरीनाथ हाई वे पर डामरीकरण का कार्य करते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। चारधाम मंे निर्माणाधीन सडकों की पर्यावरण प्रभाव आंकलन के लिए गठित हाईपावर कमेटी की संस्तुति अथवा सुझावांे पर यदि सर्वोच्च न्यायालय निर्णय देता तो संभवतः चैडीकरण के कार्य को गति मिलती। बदरीनाथ मार्ग पर जोशीमठ से बदरीनाथ तक कुछ स्थानांे पर इसी रोक के कारण चैडीकरण का कार्य नहीं हो पा रहा है। एचपीसी के सुझाावांे पर पूर्व मे दिए गए आदेशांे के बाद सडक परिवहन मंत्रालय ने सर्वाेच्च न्यायालय से पुर्नविचार का आग्रह किया है जिसके निर्णय का इंतजार कार्यदायी संस्थाआंे को है।
चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के उदेश्य से डबल लेन निर्माण का कार्य जोरो पर है लेकिन बीच हाईपावर कमेटी के सुझावों के बाद कुछ स्थानों पर चैडीकरण का कार्य रोक दिया गया था। जिस पर अभी भी निर्णय नही होने के कारण चैडीकरण का कार्य रूका हुआ है। हाॅलाकि बीआरओ द्वारा जोशीमठ से बदरीनाथ-माणा तक हिल कटिंग का कार्य पहले ही किया जा चुका था। और अब तक इस क्षेत्र मे करीब 14किमी डलब लेन का डामरीकरण भी हो चुका है। लेकिन इसी मार्ग पर कतिपय डेजर जोन ऐसे है जहाॅ पर कटिंग की जरूरत महसूस की जा रही थी लेकिन एचपीसी की रोक के बाद यह काम रूका हुआ है। एचपीसी के सुझाावो पर जो भी निर्णय दिया जाना है यदि समय पर दिया जाय तो बीआरओ उसी निर्णय के अनुरूप कार्य करते हुए कम से कम उन स्थानो पर डामरीकरण का कार्य तो कर सकेगा।
बदरीनाथ मार्ग पर जोशीमठ से बदरीनाथ तक कई स्थानों पर पूर्व में भी दुर्घटनाएं हो चुकी है, ऐसे मंे चैडीकरण की सबसे ज्यादा दरकार इसी क्षेत्र मे थी, यात्रा सीजन मे तो कई बार हेलंग से जोशीमठ व आगे गोविन्दघाट तक घंटो जाम की स्थिति बनी रहती है। एंेसे मे जोशीमठ से बदरीनाथ धाम तक सडक चैडीकरण किया जाना बेहद जरूरी है। फिलहाल बीआरओ जहाॅ-जहाॅ हिल कटिगं का कार्य कर चुका है वहाॅ डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। ताकि बदरीनाथ पंहुचने वाले श्रद्धालुओ को दिक्क्तो का सामना ना करना पडे। बीआरओ इस क्षेत्र मे डामरीकरण के साथ क्रैस बैरियर भी लगा रहा है।
बीआरओ द्वारा सडक निर्माण के दौरान कोविड नियमो का पालन तो कराया ही जा रहा है अपितु मजदूरो के लिए मेडिकल कैम्प, जागरूकता अभियान व कोविड वैक्सीन लगाए जाने का भी कार्य इन दिनो किया जा रहा है।












