रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने किया मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत पी.एफ.एम.एस.के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में माह दिसम्बर एवं जनवरी की कुल 3 करोड़ 78 लाख 54 हजार रुपये की धनराशि का डिजीटल हस्तान्तरण
देहरादून : प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने देहरादून स्थित महिला कल्याण एवं पुर्नवास केन्द्र,केदारपुरम में “मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना” के तहत पी.एफ.एम.एस.के माध्यम से 6319 लाभार्थियों के खाते में माह दिसम्बर,2022 एवं जनवरी,2023 की कुल 3 करोड़ 78 लाख 54 हजार रुपये की धनराशि का डिजीटल हस्तान्तरण किया।इस दौरान मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत आच्छादित लगभग 100 बच्चे एवं उनके अभिभवाक उपस्थित रहे।इस अवसर पर योजना से लाभान्वित बच्चों एवं उनके परिवारजनों ने अपने अनुभव साझा किये और विभाग व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि वह सभी बच्चों व उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहती है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां मामा के रूप में उनके साथ खड़े हैं तो वहीं वह बुआ के रूप में सभी के साथ सदैव खड़ी हैं।उन्होंने कहा कि योजना के तहत अनाथ बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के जरिये दी जा रही है,साथ ही ऐसे बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा,खाद्य सामग्री,कौशल विकास,स्वास्थ्य सुविधा,शासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य प्रविधान भी किए गए हैं।महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आज उन्हें कई परिजनों के विचार सुनने का अवसर भी मिला जिसमे सभी परिजनों ने अपने अपने अनुभव साझा किए,कारगी निवासी नूरजहां ने कहा कि कोरोना के दौरान उनके पति की मृत्यु हो गई थी ऐसे में बच्चो के भरण पोषण की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई लेकिन वात्सल्य योजना से उन्हें बहुत लाभ पहुंचा है।वहीं कैलाशपुरी निवासी भारती खंडूरी ने भी अपने अनुभव बयां करते हुए कहा कि जब उनके पति की मृत्यु हुई तो उस दौरान अपनो ने भी साथ छोड़ दिया हर पल यही चिंता सताती रहती थी कि अब बच्चो की पढ़ाई कैसे होगी,घर का खर्चा कैसे चलेगा लेकिन इस योजना से बहुत सुकून मिला है।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आज किसी भी बच्चे को यह चिंता करने की जरूरत नही है कि अब उनका क्या होगा क्योंकि वह स्वयं बुआ के रूप में सभी के साथ खड़ी है।उनका प्रयास रहेगा कि कोरोना के प्रभावित हर बच्चे को इसका लाभ मिले इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है और सभी को अपनी जिम्मेदारी का बखूबी पालन करने को भी कहा गया है।कहा कि हमारे बच्चे हमारे कल का भविष्य है ऐसे में उनके भविष्य को लेकर वह गंभीर है और लगातार प्रयास कर रही है कि उनके भविष्य को और सुंदर कैसे बनाया जाए।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरि चंद्र सेमवाल,अपर सचिव/निदेशक महिला कल्याण प्रदीप रावत,मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी सहित विभागीय अधिकारी और प्यारे बच्चे उपस्थित रहे।