देहरादून। पुलिस कांस्टेबलों की ग्रेड.पे में कटौती से प्रभावित पुलिस सिपाही पर गाज गिरायी गयी है। जिससे उनका आक्रोश बढ़ा है। पुलिस कांस्टेबल को 20 साल की सेवा के बाद जो ग्रेड.पे का उचित लाभ नहीं दिया जा रहा है। पुलिस कॉन्स्टेबलों की 20 साल की सेवा पर ग्रेड पे सब इंस्पेक्टर रैंक के बराबर दिये जाने का प्रावधान है। अब ऐसा न होकर ए०एस०आईं० पद दिया जा रहा है। जबकि ए०एस०आई०का कोई पद ही नही है, तो ग्रेड.पे दिया जाना तर्कसंगत नही है। इस घोषणा के बाद पुलिस कांस्टेबल ही नहीं बल्कि संगठन भी उद्वेलित हैं। उत्तराखंड क्रांति दल पुलिस कांस्टेबलों की 20 साल की सेवा पर ग्रेड.पे सब इंस्पेक्टर रेंक दिये जाने की मांग करता है। ये वो सिपाही हैं जो राज्य सृजन के बाद पहली भर्ती हुई थी।
डीजीपी को दिए पत्र में यूकेडी ने कहा है कि पूर्ण आशा के साथ कि पुलिस कांस्टेबलों के ग्रेड.पे विसंगतियों को अविलम्ब सुधार करते हुई उनकी सेवा का लाभ पूर्व की भांति दिया जाना न्यायोचित है। ऐसा न होने पर दल पुलिस कांस्टेबलों के हक के लिये आंदोलन करने के लिये बाध्य होगा।
उत्तराखंड क्रांति दल का एक प्रतिनिधिमंडल सुनील ध्यानी के नेतृत्व में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से भेंटकर कांस्टेबलों की ग्रेड.पे की विसंगतियों पर वार्ता करी। इस अवसर पर दल की ओर से प्राप्त सूचनाओं के मध्यनजर पुलिस कांस्टेबलों की आक्रोश व सामूहिक त्यागपत्र की बात से अवगत कराया। महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा एक कमेटी का हवाला दिया गया। इस अवसर पर सुनील ध्यानी ने कहा कि कांस्टेबलों के हितों के साथ दल अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा। कांस्टेबलों के पक्ष में धरना प्रदर्शन किया जायेगा। इस अवसर पर ब्रजमोहन सजवाण, राजेन्द्र प्रधान, अंकेश भंडारी व अनूप पंवार मौजूद थे।