
फाइल फोटो- मृतक अरविन्द भंडारी ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। 38दिनों बाद टनल से मिला एक और शव। शव का पंचनामा व पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा।
7 फरवरी को ऋषि गंगा त्रासदी के दिन एनटीपीसी द्वारा निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना के टनल में विभिन्न कंपनियों के 35 लोग कार्य पर थे, जो जलजले की भेंट चढ गए थे। शुरूआती दौर में तो उनके बचने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन टनल के अन्दर मलबा व पानी इतना भर गया था कि उनके बचने की उम्मीद भी नहीं रह गई थी। इस दौरान लगातार टनल से मलबा व पानी हटाने का कार्य निंरन्तर जारी रहा।
त्रासदी के 38 दिनांे के बाद एक शव मिला, जिसकी पहचान जोशीमठ प्रंखड के किमाणा गाॅव के 27वर्षीय अरविन्द ंिसंह के रूप में हुई है। शव मिलने के सूचना पर परिजन तपोवन पंहुचे। मृतक का मौके पर ही पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम किया गया और शव को परिजनो को सौंपा गया। अरविन्द एनटीपीसी के सहायक कपंनी ऋत्विक में कार्य करता था। हादसे के दिन भी अरविन्द रोज की तरह अपने काम पर टनल के अन्दर गया था। लेकिन 38दिनों बाद उसका शव ही टनल से बाहर आया। अरविन्द का शव एसएफटी टनल ’’सिल्ट फ्लसिंग टनल’’के शुरूआती खुदाई में ही मिला। माना जा रहा था कि हादसे के दिन जो लेाग काम कर रहे थे वे सभी मलबे के साथ एसएफटी टनल में पंहुचकर दब गए होंगे। वो अब सही साबित होता दिख रहा है। एसएफटी टनल से मलबा व पानी निकालने का कार्य लगातार जारी है।
ऋत्विक कपंनी के प्रोजेक्ट मैनेजन राकेश डिमरी के अनुसार टनल में उनकी कपंनी के कुल 32लोग फॅसे थे, जिनमे से अरविन्द के शव मिलने के बाद कुल चार शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 28 लोग अभी लापता हंै। इसके अलावा तीन लोग दूसरी कंपनी एचसीसी के भी मुख्य टनल में फॅसे हंै। उन्हांेने बताया कि एसएफटी टनल जो करीब 950 मीटर लंबी है, उसमे अभी तक 35 से 40मीटर तक ही मलबा हटाया जा सका है। और इसी दौरान अरविन्द का शव मिला। श्री डिमरी ने कहा कि अरविन्द के परिजनों को एनटीपीसी, केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा दी जानी वाली आर्थिक सहायता के अलावा इंसोरेंश की राशि तो मिलेगी ही, कपनी की ओर से भी पूर्व में आर्थिक सहायता व दाह संस्कार के लिए सभी ब्यवस्थाएं की गई।












