देहरादून (प्रियांशु सक्सेना)। राजकीय महाविद्यालय मालदेवता रायपुर में देवभूमि उद्यमिता योजना के दो दिवसीय स्टार्ट अप बूट कैंप का समापन किया हुआ। महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य प्रो डीपी सिंह ने छात्र- छात्राओं को अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग का आव्हान करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ साथ यदि कोई स्किल भी विकसित कर लेते है तो आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकते है।
मुख्य वक्ता अरुणेश कुमार पांडेय, मेंटर जिला समन्वयक (देव भूमि उद्यमिता योजना) ने स्वरोजगार के इच्छुक छात्र छात्राओं से संवाद करते हुए अपने स्टार्ट अप आइडिया प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्टार्ट अप के लिए चर्चा करते हुए कहा की यदि हम स्थानीय संसाधनों के प्रयोग द्वारा स्थानीय उत्पादों का उत्पादन करते है तो आत्मनिर्भर होने के साथ साथ अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर सकते है।
उन्होंने कहा कि हर किसी में कोई ना कोई प्रतिभा होती है। महाविद्यालय के छात्र छात्राओं मीरा, सुरभि, उज्ज्वल, विकास तिवारी, करण शर्मा आदि ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। देव भूमि उद्यमिता योजना की महाविद्यालय इकाई की नोडल अधिकारी प्रो पूजा कुकरेती ने स्टार्ट अप और बिजनेस के बीच में अंतर को समझाते हुए प्रतिभागियों से स्थानीय आवश्यकताओं और समस्याओं को पहचानने के लिए कहा ताकि वे समाधान खोज सकें।
उन्होंने उत्तराखंड में पलायन की समस्या को उठाते हुए कहा कि स्वरोजगार को अपनाकर इस समस्या को हल किया जा सकता है। कार्यक्रम की संचालक प्रो ज्योति खरे द्वारा छात्र छात्राओं से अपनी संकोची प्रकृति को त्यागकर आत्मविश्वास को जगाने के लिए प्रेरित किया गया उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की शरुआत के लिए खुद पर भरोसा जरूरी है। देव भूमि योजना के अंतर्गत महाविद्यालय से सीड फंड हेतु चयनित छात्र प्रिंस एवम राहुल शाह द्वारा भी छात्रों को अपने अनुभव बताए गए।
अपने उत्पाद के बारे में जानकारी देते हुए प्रिंस ने कहा कि मार्केटिंग और अपने उत्पाद की गुणवत्ता में निरंतर सुधार ग्राहकों के विश्वास को जीतने के लिए जरूरी है। इस अवसर पर ऋतु कश्यप, डॉ कविता काला, डॉ राम चंद्र नेगी, डॉ सरिता तिवारी, डॉ शैलेंद्र सिंह, डॉ आशुतोष मिश्रा, डॉ प्रत्युषा ठाकुर, पूजा रानी, आदि उपस्थित रहे।