अल्मोड़ा- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश सरकार पर विकास कार्य अवरूद्ध करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जबसे भाजपा की सरकार सत्ता में काबिज हुई है तब से ना तो विकास कार्य अपनी रफ़्तार पकड़ रहे हैं और ना ही विकास कार्यो की देखरेख हो पा रही है।उन्होंने कहा कि पालिटेक्निकों,महाविद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं।कहीं कहीं तो स्थिति ऐसी है कि पालिटेक्निक एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं।जनकल्याणकारी योजनाएं रोकने का कार्य आज भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य जिस मूल भावना को लेकर बना था आज वो भावना पूरी होते नहीं दिख रही।कांग्रेस सरकार में बनी करोड़ों रूपये की योजनाएं की अनदेखी करने का कार्य आज भाजपा सरकार कर रही है।गैंरसैंण जो कि ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित हो चुकी थी आज खण्डहर बनने के कगार पर है।आज पहाड़ों में पलायन बड़ रहा है।पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पलायन रोकने के लिए आयोग तक का गठन किया था पर आज वह आयोग कहां है किसी को नहीं पता। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 22 साल की सरकारों का आकलन होना चाहिए।कांग्रेस के समय में विकास के जो काम हुए वो काम कभी नहीं हुए। उत्तराखण्ड बनने पर कांग्रेस सरकार में नारायण दत्त तिवारी ने मुख्यमंत्री बनने पर विकास के रूप में इस प्रदेश की आधारशिला रखी थी।कांग्रेस सरकार ने मनरेगा जैसी रोजगार योजना लागू की थी आज वर्तमान सरकार में उस योजना की क्या स्थिति हो गयी है ये सर्व विदित है।मनरेगा में एक साल पुराना भुगतान मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है।इस सरकार में विकास के कार्य प्रारम्भ नहीं हुए हैं।आम जन परेशान हैं।मनरेगा की मजदूरी प्रतिवर्ष बढ़ाने की बात तय थी जो कि इस सरकार में नहीं बढ़ पा रही। उन्होंने कहा कि इस सरकार में सिर्फ विज्ञापन का जोर है धरातल पर कोई भी योजना नहीं उतर रही।राज्य बनाने का जो मूलमंत्र था उसका कोई भी लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है।उन्होंने कहा कि आज पहाड़ में सबसे अहम मुद्दा पहाड़ की खत्म हो रही कृषि का है।जंगली जानवरों,पलायन के कारण कृषि समाप्त होती जा रही है।यदि सरकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए चिंतित नहीं हैं तो इन सरकारों का क्या फायदा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में गरीबों के लिए प्रारम्भ की गयी योजनाओं पर भाजपा सरकार ने शर्तै लगा दी है जिससे इसका लाभ आम जनता/गरीब वर्ग को नहीं मिल पा रहा है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में इन्दिरा आवास योजना चल रही थी जिससे अनेकों गरीब परिवारों के सर पर छत आ रही थी।परन्तु इस सरकार में किसी भी विकासखण्ड में एक भी आवास गरीबों के लिए नहीं बना। उन्होंने कहा कि आज सड़कों के गढ्ढे तक नहीं भरे जा रहे,सड़कों के किनारे की नालियां नहीं बन रही।यहां तक कि सड़कों के किनारों की झाड़ियां तक साफ नहीं हो रही हैं।जो सड़कें कच्ची थी उन सड़कों पर डामर तक नहीं हुआ है।उन्होंने सरकार पर पैसा खर्च करने के बाद भी योजनाओं को संचालित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि सरकार पलायन का कारण ढूंढने में भी असफल सिद्ध रही है।यदि सरकार पलायन नहीं रोक पाई तो पहाड़ खाली हो जाएगे़ जो प्रदेश के हित में नहीं है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर भी सरकारी स्कूलों का बेहद खराब होता जा रहा है।स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर पहाड़ के सरकारी अस्पताल मात्र रेफरल सेन्टर बनकर रह गये है।इस सरकार में बेरोज़गारी अपने चरम पर हैं जो इस प्रदेश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पत्रकार वार्ता में श्री कुंजवाल के साथ लमगड़ा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दीवान सिंह सतवाल,दयाल पाण्डे ग्राम प्रधान धुरासंग्रोली,दीवान सतवाल सरपंच सत्यों,भगवत सतवाल ग्राम प्रधान सत्यों,राम सिंह पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य,पूरन सिंह, छात्रा उपाध्यक्षा रूचि कुटौला आदि उपस्थित रहे।