थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार दुरस्थ विकासखंडों में सुमार देवाल ब्लाक में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग अपनी देहलीज तक पहुंच ही गई है। जिससे इस क्षेत्र के हजारों गरीब परिवारों के पाल्यों को उच्चशिक्षा अब कम धनराशि खर्च कर आसानी के साथ उपलब्ध होने की संभावना बढ़ गई हैं।विगत कुछ दिनों से इसी शैक्षणिक सत्र से कक्षाओं का संचालन शुरू करने की कवायद से इस ब्लाक के लोगों में खासा उत्साह साफ दिखाई पड़ रहा है।
पिछले कई वर्षों से देवाल ब्लाक में भी एक डिग्री कालेज की स्थापना की क्षेत्रीय जनता मांग करते आ रही थी। किंतु शासन स्तर से उन्हें कई वर्षों से केवल आश्वासन ही मिलते आ रहे थे। जिससे ब्लाक की ग्रामीण जनता में निराशा का माहौल बनने लगा था। ब्लाक में डिग्री कालेज के अभाव में गरीब तबके के होनहार छात्र चाहकर भी परिवारों की माली आर्थिक हालातों के कारण इंटर से आगे नही पढ़ पा रही थें। डिग्री कालेज नही होने का सर्वाधिक खांमियाजा इस क्षेत्र की बालिकाओं को भुगतना पड़ रहा था।जोकि तमाम जतनों के बावजूद भी उच्च शिक्षा प्राप्त नही कर पा रही थी।चाहत के बावजूद भी कालेज दूर होने के चलते इंटर के बाद घरों के कामकाज में जुटने पर मजबूर हो रही थी।
पिछले महिने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा राज्य में 7 नए डिग्री कालेज खोलने की घोषणा एवं इसमें देवाल को भी सम्लित किए जाने के बाद से क्षेत्रीय जनता के सपनों को पंख लगने लगें हैं। उसके ऊपर इसी सत्र से देवाल में अस्थाई कमरों से कालेज का संचालन शुरू किए जाने की कवायद शुरू होने के बाद तों जैसे इस क्षेत्र के लोगों को सोने पर सुहागा जैसा ही हो गया हैं। कालेज खोलने एवं इसी शिक्षा सत्र से इसमें कक्षाओं का संचालन शुरू करने के शासन के निर्देश के बाद डिग्री कालेज तलवाड़ी के प्राचार्य डॉ योगेन्द्र सिंह को उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा नोडल अधिकारी नामित कर उनके ऊपर कक्षाओं का संचालन शुरू करने, अस्थाई कमरों की व्यवस्था, स्थाई भूमि चयन आदि स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं लोगों के सहयोग से करवाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद तलवाड़ी के प्रार्चाय ने अस्थाई कमरों की खोज स्थानीय प्रतिनिधियों के सहयोग से बकायदा शुरू करते हुए जूनियर हाईस्कूल तलौर में कक्षाओं के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था भी कर ली हैं।
देवाल ब्लाक की भगौलिक स्थिति काफी विकट हैं। यहां के गांवों से निकटतम डिग्री कालेज तलवाडी की दूरी 25 से 75 किमी तक दूर हैं।ऐसी स्थिति में गरीब परिवारों के पाल्य चाहकर भी उच्च शिक्षा ग्रहण नही कर पा रहे हैं।इसी को देखते हुए पिछले एक दशक से क्षेत्रीय जनता यहां डिग्री कालेज खोलने की मांग करते आ रही हैं। जब पहली बार 2017 में श्रीदेव सुमन का यहां पर प्राइवेट परीक्षा सेंटर बनाया गया तों पहले वर्ष ही 500 छात्र.छात्राओं ने यहां से परीक्षाएं दी थी। जिससे अनुमान लगाया जा सकता हैं कि यहां के छात्रों में उच्च शिक्षा पाने के लिए कितनी ललक है। क्षेत्र के छात्रों की परेशानियों को देखते हुए इस कालेज खोलने को खोलने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, गढ़वाल सांसद तीरत सिंह रावत, क्षेत्रीय विधायक मुन्नी देवी शाह, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज आदि का विशेष योगदान रहा हैं। जिसका क्षेत्रीय जनता हमेशा आभारी रहेगी।












