रिपोर्टर : प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। भानियावाला के कान्हरवाला बारुवाला निवासी 104 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी साधु सिंह बिष्ट की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, गाजे बाजे के साथ दी अंतिम विदाई। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला समेत डोईवाला प्रशासन से उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्र व तहसीलदार मोहमद शादाब भी रहे मौजूद।
गौरतलब है की बीते रविवार सुबह क्षेत्र के अंतिम 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी का निधन हो गया था। जिनके शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके आवास से हरिद्वार ले जाया गया। साधू सिंह मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के हिंडोलाखाल के रहने वाले थे, जो वर्ष 1980 से डोईवाला के बारूवाला में निवास कर रहे थे।
दिव्यंगत साधू सिंह बिष्ट नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को आजाद हिन्द फौज का भी हिस्सा रहे है। सोमवार को क्षेत्र के एकमात्र 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी की शव यात्रा में सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे। स्वतंत्रता सेनानी साधू सिंह बिष्ट अपने पीछे दो पुत्र बिजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह और एक पुत्री रामेश्वरी देवी को छोड़ गया है।
आजादी के लिए साधु सिंह बिष्ट ने कई वर्षों तक संघर्ष किया एवं उन्होंने सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया आदि में नेताजी के साथ देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। स्वतंत्रता सैनानी साधु इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) की गोरिल्ला रेजीमेंट में थे।रविवार को अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके बड़े पुत्र बिजेंद्र सिंह ने बताया की उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी साधू सिंह बिष्ट ने कोरोना काल के दौरान लोगों की मदद के लिए अपनी एक महीने को पेंशन सरकार को दे दी।
बिजेंद्र ने बताया की उनके पिता समाज सेवा में हमेशा आगे रहते थे और कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने अपनी पेंशन दान की थी। बताया की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके योगदान के लिए ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा की साधु सिंह बिष्ट का जीवन दर्शन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, साथ ही आजकल के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। शव यात्रा में शामिल होने वालो में कांग्रेस नेता मनोज नौटियाल, भाजपा नेता विनय कंडवाल, दिनेश सजवान, संपूर्ण रावत, नरेंद्र नेगी, रविंद्र बेलवाल, आनंद पंवार, समेत कई पूर्व सैनिक मौजूद थे।