रिपोर्टर : प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। देश के विकास, प्रगति और उन्नति में शिक्षा की अहम भूमिका व योगदान है। वर्तमान की सत्ताधारी केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा भी चुनाव जीतने से पूर्ण शिक्षा की महत्वता बताते हुए उसको बढ़ावा देने को लेकर कई वायदे किए थे, परंतु अब वह सब केवल चुनावी जूमले ही नजर आ रहे है।
सरकार की ओर से धरातल पर शिक्षा के क्षेत्र में कोई खास दिलचस्पी या कार्य नही देखा जा रहा, जिससे अगली पीढ़ी के बच्चे जो की देश का भविष्य है उन्हे उचित शिक्षा व पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं। यदि ऐसे में छोटे छोटे बच्चों को विद्यालय में जान के खतरे के बीच बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़े, तो वह सरकार की नाकामी व असफलता को भली भांति दर्शाता है।
डोईवाला विकासखंड के अंतर्गत अपर जॉली में स्थित राज्यकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को जान के खतरे के साथ बैठक लेनी पड़ रही शिक्षा। दरहसल, प्री प्राइमरी स्कूल (अपर जॉली) में कक्ष की कमी है। जिस कारण विद्यालय के छात्र छात्राओं को किचन कम क्लासरूम में बैठ कर पड़ना पड़ रहा है, जो की बेहद घातक और जानलेवा भी साहिब हो सकते हैं।
विद्यालय के प्राचार्य सिद्धार्थ शर्मा ने बताया की उनके द्वारा निजी खर्चे से विद्यालय की मरम्मत करवाई गई है परंतु सरकार का इस ओर ध्यान देना बेहद जरूरी है। कहा की विद्यालय में कक्ष निर्माण का अभाव है।
बताया की विद्यालय में केवल दो ही कक्ष, जो की विद्यालयों की जरूरतों को पूरा नहीं करता। जिस कारण एक कक्ष में पूर्ण रूप से कक्षाएं संचालित होती है और एक कक्ष में कक्षा व रसोई। जिसमें ही भोजन माताओं द्वारा खाना बनाया जा रहा है।
जिस कारण बच्चें अपनी जान हतेली में लेकर कक्षा में बैठने को मजबूर है। प्राचार्य शर्मा ने बताया की कक्षा में रसोई के उपकरण होने के कारण सिलेंडर जैसे विस्फोटक वस्तुएं भी है, जिनसे पल पल डर बना रहता है। कहा की उनकी ओर से कई बार उच्च अधिकारियों व शिक्षा विभाग को कक्ष निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा है, परंतु उनकी और से कोई कार्यवाई नहीं की गई।
जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक राजेंद्र रावत ने कहा की विद्यालय की ओर से प्रस्ताव आने पर रसोई के लिए कक्ष निर्माण के लिए बजट स्वीकृत कर दिया जाएगा।