देहरादून, 29 मार्च, 2025. दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र तथा साहस फाउंडेशन समावेशी संसाधन केंद्र की ओर से आज शाम केंद्र के सभागार में सामाजिक विकास पर केंद्रित एक सामूहिक बातचीत का कार्यक्रम किया गया. इस बातचीत में प्रत्यक्ष्य वार्ता के माध्यम से दिव्यांग्य जनों की वास्तविक स्थितियों को जानना समझना और उसके समाधानों पर विचार करना था.
साहस फाउंडेशन के साहब नक़वी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत दिव्यांग जनों के परिवारों को हम एक खुली चर्चा में आमंत्रित करते हैं, जिससे हमें वास्तविक जीवन की स्थितियों यथा शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलूओं पर विचार करने में समुचित रूप से सहूलियत मिलती है।
इस तरह की गोष्ठी के महत्त्व पर जरूरत बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि अक्सर दिव्यांग व्यक्तियों के संदर्भ में समस्याओं को समाज में बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता. इसलिए इस गोष्ठी का उद्देश्य है कि इन लोगों की समस्याएं गंभीरता से सुनी जाएं और उनका सहज व समुचित समाधान भी खोजा जाए. केवल सुनी-सुनाई बातों के आधार पर ही कार्य करने से बचा जाना चाहिए, इसके लिए पर्याप्त काम करने की जरूरत है.
साहब नक़वी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वयं अपनी बात कहना और किसी अन्य को अपनी जगह प्रतिनिधित्व देने के बीच का अंतर बहुत बड़ा है। इसलिए स्वयं दिव्यांग जनों की उपस्थिति उनकी भागीदारी से इस पहल को सार्थक बना रही है।
इस बातचीत में कई दिव्यांगों के अभिभावकों ने भी दिव्यांग जनों की सामाजिक चुनौतियाँ और उनके विकास के विविध मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी.
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने अतिथियों वक्ता और उपस्थित प्रतिभागी लोगों का स्वागत किया. इस अवसर परb निकोलस हॉफलैंड, साहब नक़वी, आलोक सरीन, हिमांशु, सुरेंद्र सजवाण, राजेंद्र गुप्ता, नवीन उपाध्याय, राजीव अग्रवाल,बिजू नेगी, राकेश कुमार, सुंदर सिंह बिष्ट, सहित पाठकगण, लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित थे।