जोशीमठ(लक्ष्मण सिंह नेगी कल्प वीर) चमोली पंच केदार कल्पेश्वर और पंच बद्री में श्री ध्यान बद्री की धरती में स्थित कल्प क्षेत्र उरगम भरकी घाटी के शीर्ष 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित में फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट आगामी १९ जुलाई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये है इस वर्ष श्रावण संक्रांति के दिन अमावस्य होने के कारण मंदिर के कपाट श्रावण मास के ३गते खोले दिये है मंदिर आगामी नंदा अष्टमी के नवमी तिथि तक खुला रहता है।
इस वर्ष के पुजारी चंद्र मोहन सिंह पंवार और महिला पुजारी उनकी माता 65 वर्षीय पार्वती देवी है । यह अकेला मंदिर है विष्णु मंदिर है जहां महिला पुजारी भी होती है जिससे फ्यूंल्यांण कहा जाता है। भगवान विष्णु का मंदिर अति प्राचीन है यहां प्रतिवर्ष भरकी भेंटा पिलखी ग्वाणा अरोसी गांव के लोग अपनी बारी के अनुसार यहा पूजा करने जाते हैं मेला समिति के द्वारा यहां पूजा करने के लिए प्रति परिवार 4 किलो गेहूं ढाई सौ ग्राम तेल व पूजा सामग्री दी जाती है । कपाट खोलने के लिए लोगों में भारी उत्सुकता रही। एक सामाजिक संगठन फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स ग्रुप के १५ कार्यकर्ताओं ने अग्रिम जाकर मंदिर में रंग रोगन टीम के अध्यक्ष उजागर सिंह फरस्वान ने कहां की इस वर्ष कपाट उद्घाटन के समय मंदिर को भव्य रूप से 50 किलो फूलों से सजाया गया इसके अलावा मंदिर के गेटों को भी सजाया गया इसके लिए ।
मंदिर के कपाट खुलने से पूर्व कुछ पूजा संपन्न की गयी जिसमें आषाढ़ के महा में महाकाली पूजन भूमियाल देवता पूजन होता है देवी पूजन और वैष्णो देवी चामुंडा वीर पूजन का काम संपन्न किया जाता है इसी दिन यह स्थान अत्यंत रमणीक और सुंदर है इस स्थान की महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि भगवान शंकर कल्पेश्वर के जटा जूट के शिवलिंग के शीर्ष ऊपर भगवान नारायण का मंदिर है माना जाता है कि भगवान शंकर के ईष्ट देव नारायण है। यहां पर भगवान की विशेष पूजा अर्चना सत्तू ,घी ,दूध से किया जाता है यहां पर भगवान विष्णु के अलावा महालक्ष्मी, मां सरस्वती, वनदेवी भूमियाल देवता, जाख, वन देवियां दाणू देवता की पूजा की जाती है, भल्ला दाणू, जबर दाणू, हमीर दाणू, चौहान दाणू, अन्य कई देवताओं का यहां पूजन होता है बासुकीनाग, वरुण देवता की पूजा का विधान है। मंदिर में अखंड धूनी के अलावा कई सामाजिक नियम है जिसका पालन करना आवश्यक है। ठीक ११.३० वजे कपाट विधी विधान के साथ कपाट खुले।
पंचनामा देवता के पुजारी मंगल सिंह ने नारायण की पूजा किया नये पुजारी चन्द्र मोहन पंवार को भिंगार पुजारी ने दिया । पंचनामा देवता के मन्दिर में नवनियुक्त पुजारी को चिमटा, घंटी दिया गया ।भगवान विष्णु की विशेष पुजा अर्चना विशेष अभिषेक किया गया।दूध सत्तू का विशेष भोग लगाया गया। इस अवसर पर फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स गुरूप ने विशेष सहयोग किया।इस अवसर पर मेला समिति के अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह रघुवीर सिंह चौहान उजागर सिंह, देवेंद्र सिंह, प्रमुख हरीश परमार प्रधान मंजू देवी भरकी रघुवीर सिंह नेगी यशवंत सिंह चौहान,भरत सिंह नेगी बलवंत सिंह, उजागर सिंह, चंद्रमोहन सिंह पंवार, दर्शन सिंह चौहान, आदि लोग उपस्थित थे।










