देहरादून। प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रचार पर मंगलवार शाम पांच बजे के बाद रोक लग गयी। मंगलवार शाम पांच बजे के बाद अब निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कोई भी प्रत्याशी व सियासी दल इसके बाद चुनावी जनसभाएं व लाउड स्पीकर से प्रचार नहीं कर सकेंगे। अंतिम दिन चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी व दलों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकी। इस बार प्रदेश की पांचों सीटों पर 52 प्रत्याशियों के बीच चुनावी जंग है।
निर्वाचन आयोग ने 10 मार्च को चुनाव की घोषणा कर चरण वार कार्यक्रम जारी किया था। इसके साथ ही प्रदेश में चुनावी माहौल बनने लगा था, लेकिन 28 मार्च को नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार में तेजी आई। सियासी दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी चुनाव मैदान में प्रचार के लिए मोर्चा संभाला। हालांकि इस बार प्रत्याशियों व दलों को प्रचार के लिए कम समय मिला। इसके बावजूद भी भाजपा और कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों को प्रचार में उतार कर हर वर्ग के मतदाताओं को साधने की कोशिश की। नामांकन वापसी के बाद 12 दिनों के चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों और दलों ने एक-दूसरे पर जमकर सियासी हमले बोले। चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी ने उत्तराखंड में दो और राहुल गांधी ने तीन चुनावी रैली की। निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुसार मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाता है। वो अवधी मंगलवार शाम पांच बजे पूरी हो गयी।