थराली..घेस घाटी का अद्भुत दृश्य।
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
जड़ी-बूटी, मटर की खेती सहित तमाम अन्य नकदी फसलों में पूरे उत्तराखंड राज्य में अग्ररणीय क्षेत्रों में अपना सिक्का गाड़ चुके देवाल विकासखंड की खुबसूरत घेस घाटी के चार गांवों के युवाओं ने अपने जज्बे एवं दम.खम के बलबूते पिछले महिनों सेना भर्ती में जो कामयाबी हासिल की है उससे विकास खंड, जिले का ही नहीं पूरे राज्य का नाम देश में स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया है। यही नहीं यहां के युवाओं ने साबित कर दिया हैं कि चाहे प्रस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, दृढ़ इच्छाशक्ति एवं कड़ी मेहनत के बलबूते कठिन से कठिन मुकाम को हासिल किया जा सकता हैं।
दरअसल पिछले दो दशक से घेस घाटी का नाम राज्य की अन्य घाटियों की अपेक्षा तेजी के साथ आगे बढ़ा हैं। इसका प्रमुख कारण इसे क्षेत्र के किसानों के द्वारा पारंपरिक खेती के बीच ही जड़ी.बूटी का कृषिकरण करते हुए उसे नकदी फसल के रूप में विकसित करना, उसके बाद यहां पर बे मौसमी एवं महंगी मटर का उत्पादन कर राज्यभर में अपनी कर्मठता का लोहा मनवाया है। इसके बाद अब यहां के कर्मठशील युवाओं ने इसी वर्ष ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि घेस घाटी का नाम अब उत्तराखंड में ही नही पूरे देश में निश्चित रूप से चमकने लगा है। पिछले महिनों भारतीय सेना की भर्ती में इस घाटी के 11 युवाओं ने भर्ती में सफलता हासिल कर अपनी मेहनत, लग्न, कर्मठता, देश प्रेम का जो संदेश दिया है उसे याद रखा जाएगा। बीते शनिवार व रविवार को सेना के द्वारा लिखित परीक्षा के परिणाम में पिंडर घाटी के अन्य क्षेत्रों के कई अन्य युवाओं के साथ ही अकेले घेस घाटी के 11 युवक सेना की विभिन्न शाखाओं में सेवाएं देने के लिए चयनित किए गए हैं। चयनित 11 युवकों में से आठ ग्राम सभा घेस के ही हैंए जबकि दो युवक हिमनी व एक पिनाऊं गांव से है। कड़ी शारीरिक परीक्षा व मेडिकल के बाद इन युवाओं को लिखित परीक्षा के लिए चुना गया था।
सफलता पाने वालों में दो युवकों को स्पोर्ट्स कोटे में चुना गया है जबकि शेष को जीडी के लिए चुना गया हैं। लिखित परीक्षा के बाद जो युवा सफल हुए हैं। उनमें रवि बिष्ट पुत्र मोहन सिंह बिष्ट ; बालीबालद्धदेवेंद्र सिंह पुत्र कुंदन सिंह बिष्ट बाक्सिंग, नीरज सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह बिष्ट, चंदन सिंह पुत्र गोविंद सिंह बिष्ट, भगत सिंह पुत्र नारायण सिंह बिष्ट, कमल सिंह पुत्र धन सिंह बिष्ट, कमल सिंह पुत्र गोविंद सिंह एवं बाबी बिष्ट पुत्र प्रताप सिंह सभी जीडी एवं घेस गांव निवासी के साथ ही धर्मेंद्र पुत्र सुबेदार खिलाफ सिंह दानू जीडी पिनाऊं, नंदन सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह दानू एवं अनिल पुत्र कुंदन सिंह दानू जीडी हिमनी से हैं।
राज्य के वरिष्ठ पत्रकार एवं घेस निवासी अर्जुन बिष्ट ने बताया कि सेना के लिए चयनित अधिकतर युवा किसी न किसी रूप में सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े हैं और वे एक सैनिक के धर्म, अनुशासन व कर्तव्य जैसी बुनियादी बातों को अपने घर से ही समझते हैं।
घेस घाटी यूं तो दूरस्थ क्षेत्रों में सुमार हैं। बावजूद इसके क्षेत्र के लोगों में देशभक्ति की भावना कूट.कूट कर भरी हुई हैं। इसी के तहत सेना के बीते इतिहास पर नजर डालें तो यहां से बड़े फौजी आफीसरों में पिनाऊं निवासी मेजर देव सिंह दानू का हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र को बड़ा सम्मान दिलाया। उन्होंने गढ़वाल राइफल के सुबेदार मेजर की नौकरी छोड़कर आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अंगरक्षक बटालियन के सीओ रहे और उन्हें मेजर का रैंक दिया गया। वीर चक्र विजेता राइफलमैन जमन सिंह दानू ;बलाणद्ध ने अपने सैन्य कर्तव्य के निवर्हन के लिए वीर गति पायी थी। वही स्वण् कैप्टन बहादुर सिंह पटाकी हिमनी नागा रेजिमेंट से क्षेत्र के पहले आनरेरी कैप्टन बने। पिनाऊं निवासी सुबेदार मेजर आलम सिंह दानू का योगदान भी यादगार है। फर्स्ट गढ़वाल बाद में सिक्स मैकेनाइज्ड के सुबेदार खडक़ सिंह बिष्ट पहले आनरेरी सुबेदार मेजर बने। इसके साथ ही 13वीं गढ़वाल के सुबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन केशर सिंह बिष्ट जो रेजिमेंट के बेस्ट जेसीओ माने जाते थेए को दो बार भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षक रहने का सौभाग्य मिला। हिमनी निवासी सुबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन हरचंद सिंह दानू भी 11वीं गढ़वाल के सुबेदार मेजर रहे। असम राइफल में 12 साल तक सुबेदार मेजर रहे बलवंत सिंह पटाकी व 23 असम के वर्तमान सुबेदार मेजर जय सिंह दानूए सेंटर बैंड से सुबेदार मेजर गोपाल सिंह बिष्ट को दर्जनों बार रिपब्लिक डे परेड में अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करने के साथ ही भूटान आर्मी के बैंड प्रशिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने का गौरव मिला। उनके छोटे भाई सिग्नल रेजिमेंट में तैनातए सुबेदार मेजर सोबन सिंह बिष्ट। एवरेस्टर सुबेदार मेजर हीरा सिंह दानू आज 19 गढ़वाल राइफल्स में तैनात हैं।
इसी कड़ी में 12वीं गढ़वाल के दो सीनियर जेसीओ सुबेदार खिलाफ सिंह दानू पिनाऊं एवं घेस निवासी सुबेदार लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने इन्फैंट्री स्कूल महू में दो बार कैटेगरी बी एवं दो बार ए के साथ ही इम्ट्राड में रायल भूटान आर्मी के पीसी इंस्ट्रक्टर रह चुके हैं। इसके बाद पिछले दिनों सेना के भर्ती परिणामों में 11 युवाओं के सफल होने पर क्षेत्रीय जनता में काफी अधिक उत्साहा बन गया हैं।












