थराली से हरेंद्र बिष्ट।
सामरिक दृष्टि से देश के महत्वपूर्ण सड़कों में सुमार अल्मोड़ा.बैजनाथ. ग्वालदम. कर्णप्रयाग मोटर सड़क के ग्वालदम से बगोली के बीच चौड़ीकरण को लेकर अपने हितों को सुरक्षित बनाने के प्रभावितों के साथ ही संभावित प्रभावितों ने लंबे संघर्ष के लिए स्थानीय आधार पर संघर्ष समितियों का गठन करना शुरू कर दिया हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने अल्मोड़ा.बैजनाध.ग्वालदम.थराली.कर्णप्रयाग मोटर सड़क के सामरिक महत्व को देखते हुए बीते सालों भारत माला परियोजना में शामिल करने के साथ ही इस सड़क को इसी वर्ष राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इस सड़क के चौड़ीकरण के तहत इस सड़क के मध्य बिंदु से 12 मीटर खड्ड साईड़ एवं 12 मीटर हिल साईड़ की सरकारी भूमि के साथ ही नाप भूमि का अधिग्रहण होना है।
इसके लिए बीते 15 मार्च को तहसील कार्यालय थराली में पिंडर घाटी के ग्वालदम से लेकर बगोली तक के लोगों के लिए उप जिलाधिकारी थराली की अध्यक्षता में एक जनसुनवाई का आयोजन किया गया्र। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही कार्यदाई संस्था सीमा सड़क संगठन के आलाधिकारियों के साथ ही प्रभावित होने वाले क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम आदमी भी शामिल हुए थे। इसी बैठक में जनप्रतिनिधियों एवं आम लोगों ने सड़क के सामरिक महत्व को देखते हुए निर्माण पर सहमति तो दी, किंतु निर्माण से प्रभावित होने वाले सैकड़ों परिवारों में कई तरह की शंकाएं भी जन्म लेने लगी। जिससे लोगों ने प्रशासन एवं डीजीबीआर के आलाधिकारियों के सामने सुनवाई के दौरान उठाया। परंतु उनका निराकरण नहीं किया जा सका। इसके बाद ही अपने तमाम तरह के हकों को सुरक्षित रखने एवं सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि सहित अन्य परिसंपत्तियों का उचित मुआवजा लिए जाने के लिए शासन.प्रशासन पर दबाव बनाने के तहत पिंडर घाटी के प्रभावित लोग ने अब एकत्रित हो कर अपनी मांगों को मनवाने के लिए अब क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय आधार पर संघर्ष समितियों का गठन करना शुरू कर दिया है।
प्रभावितों को उनके जायज हकों के लिए तलवाड़ी स्टेट के पंचायत भवन में उत्तराखंड सरकार में पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री सुशील रावत एवं तलवाड़ी स्टेट की ग्राम प्रधान दीपा देवी की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में भूमि स्वामियों, भवन स्वामियों, व्यापारियों के साथ ही कई दशकों से इस मोटर सड़क के आसपास बसें ऐसे परिवार जिनका की मकान सहित खेती तो है, पर भूमि पर मालिकाना हक नही है, के ग्रामीणों ने भाग लिया।
बैठक में पुनः कहा गया कि सामरिक दृष्टि से देश के लिए महत्वपूर्ण इस सड़क का किसी भी तरह का विरोध नही किया जाएगा। परन्तु प्रभावित होने वाले परिवारों को उनके सभी हक दिए जाने चाहिए। ताकि दशकों से इस मोटर सड़क के इर्द.गिर्द अपना एवं अपने परिवारों को आजीविका चला रहे नागरिक अपने सुरक्षित भविष्य को जी सकें। इस बैठक में तैय किया गया कि स्थानीय आधार पर संघर्ष समितियों के गठन के अलावा एक केंद्रीय समन्वय समिति का भी गठन किया जाए जो कि स्थानीय समितियों से मिलने वाले सुझावों को सम्लित कर शासन.प्रशासन से वार्ता करने के अलावा स्थानीय समितियों के बीच समन्वय बनाने का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर तलवाड़ी भू संघर्ष समिति का गठन कर तलवाड़ी के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य खिलाफ सिंह रावत को र्स्वसम्मति से अध्यक्ष, आनंद सिंह बिष्ट उपाध्यक्ष, मनोहर सिंह मेहरा को सचिव चुना गया। संरक्षक की जिम्मेदारी मेहरबान सिंह बिष्ट तथा प्रधान दीपा देवी को दी गई, इसके अलावा खिलाफ सिंह रावत, मनोहर सिंह रावत, देव सिंह रावत, बलवंत सिंह रौथाण, इंद्र सिंह फर्स्वाण को सदस्य बनाया गया है। इस अवसर पर पूर्व ग्राम प्रधान गोपाल सिंह फर्स्वाण, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष पिमोली, खिलाप सिंह रावत, आनंद सिंह बिष्ट, भगवत सिंह बिष्ट, करण सिंह नेगी, रणजीत सिंह रावत, इंद्र सिंह फर्सवाण, विक्रमसिंह सिंह फर्सवाण, बलवंत सिंह, अब्बल सिंह बिष्ट, सुजान सिंह बिष्ट, मनोहर सिंह मेहरा, मेहरबान सिंह बिष्ट, दर्शन सिंह बिष्ट, भगत सिंह फर्स्वाण, दीपू रावत, मनोहर रावत, दिनेश चंद देवराड़ी, राजेश चौहान, कलम सिंह बिष्ट, महिपाल सिंह बिष्ट, देवेंद्र सिंह रावत आदि ने विचार व्यक्त किए। पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री सुशील रावत ने बताया कि पूरे पिंडर घाटी के सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले गांवों में समितियों का गठन कर अगले माह प्रारंभिक दिनों में केंद्रीय समन्वय समिति का गठन कर भूमि स्वामियों, भवन स्वामियों, व्यवसाईयो़ सहित अन्य तरह से प्रभावित होने वाले लोगों की बैठकें कर आवश्यक रणनीति तैयार की जाएगी।












