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पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत: मुख्यमंत्री

20/02/25
in उत्तराखंड, देहरादून
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बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13% अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68% की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।

सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा
विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैं:-

वेंचर फंड की स्थापना

रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना

प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद

यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी

रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी

स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन

खेल विश्वविद्यालय की स्थापना

होमगार्ड कल्याण कोष

मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,

सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा

यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु A अर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि” की अवधारणा दी गयी है: कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ‘सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धान्त पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाडियों को प्रोत्साहन, देवभमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियाँ, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं,
जागृत जनता और ओजस्वी जनता
से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।

इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़

विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़

अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़

EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़

परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़

राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़

निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति” हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़

9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़

कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़

विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़

उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़

उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़

साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़

विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़

खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़

युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़

मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़

अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-

दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़

किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़

हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़

मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़

साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड

दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़

मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़

मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़

स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़

नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-

नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़

मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़

मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़

मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़

मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़

निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़

मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़

मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़

महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़

ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहाँ एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।

पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।

इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7% वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-

जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़

सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़

लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़

राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़

जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़

नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़

अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनान्र्न्तगत ₹60.00 करोड़

अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़

लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़

ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-

यूनीफार्म सिविल कोड (UCC) हेतु ₹30.00 करोड़

परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़

राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़

गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़

गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़

अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़

राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़

स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़

मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धियाँ प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

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