फोटो-धौली नदी मंे समाया भंग्यूल गाॅव का पैदल पुल।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भंग्यूल गाॅव की आवाजाही को जोडने वाला अस्थाई पुल भी भारी वर्षात के कारण धराशाही हो गया। ग्रामीणों को फिलहाल बैराज के ऊपर से जाने की अनुमति दी गई है। लेकिन वे एनडीआरएफ की मौजूदगी मंे उनके सहयोग से ही आवाजाही कर सकेंगे।
बीते दो दिनों से लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद एक बार फिर ऋषि गंगा के ऊफान ने धौली नदी पर भंग्यूल ग्राम पंचायत को जोडने वाला अस्थाई पुल भी अपने आगोस में समा डाला। ग्रामीणों को अपने घरांे तक पहंुचने में दिक्कतें ना हो इसके लिए सुबह से एनटीपीसी साइट तपोवन मंे मंथन व निरीक्षण चलता रहा। एसडीएम कुमकमुम जोशी, एनटीपीसी के जीएम आरपी अहिरवार व लोनिवि के ईई डीएस रावत ने अपने मातहतों के साथ बैराज साइड के साथ ही अन्य विकल्पांे का स्थलीय निरीाक्षण किया। सभी विकल्पांे पर विचार करते हुए फिलहाल तय हुआ कि ग्रामीणों की आवाजाही बाधित ना हो इसके लिए एनटीपीसी के वैराज के ऊपर से सुरक्षित आवाजाही कराई जाय। इसके लिए एनडीआरएफ को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
एनटीपीसी के महाप्रबन्धक आरपी अहिरवार के अनुसार बैराज के ऊपर से आवाजाही का मामला बेहद असुरक्षित है, पगडंण्डी टाइप है, साथ ही आपदा के दौरान बैराज पर भी इसका असर हुआ है। उनका कहना था कि ग्रामीणों की आवाजाही भी बेहद जरूरी है, इसे देखते हुए तय किया गया कि फिलहाल जब तक अन्य वैकल्पिक ब्यवस्था नहीं होती तब तक एनडीआरएफ की मौजूदगी व उनके सहयोग से ही ग्रामीण आवाजाही कर सकेगे।
गौरतलब है कि ऋषि गंगा त्रासदी मे तपोवन से भंग्यूल को जोडने वाला एक मात्र पुल भी आपदा की भेंट चढ गया था। तब कुछ दिनो तक ट्राली के माध्यम से ग्रामीणो की आवाजाही हुई और उसके बाद मार्च महीने मे लोनिवि द्वारा एक सुरक्षित समझे जाने वाले स्थान पर पैदल पुल का निर्माण किया था, वो भी बीते रोज आपदा मे समा गया। लोनिवि के ईई डीएस रावत के अनुसार भंग्यूल गाॅव के आवाजाही के लिए 38लाख की लागत से 60मीटर स्पान का लकडी का लाॅग ब्रिज बनाया गया था। लेकिन नदी के तेज बहाव के कारण वो पूरी तरह से नष्ट हो गया। उन्होने बताया कि हाॅलाकि भंग्यूल गाॅव के लिए पैदल झूला पुल व मोटर पुल दोनो स्वीकृत हुए है, जिनकी निवदाओं की प्रक्रिया गतिमान है। फिलहाल ग्रामीण वैराज से ही आवाजाही कर सकेगे।












